कोरोना के बीच देश में कावासाकी बीमारी ने दी दस्तक, 8 साल के बच्चे में मिले लक्षण | Nation One
पूरा विश्व वैश्विक महामारी कोरोना से तो जूझ ही रहा है। देशभर में कोरोना वायरस के मामले एक लाख के पार पहुंच गए है। वहीं अमेरिका और यूरोपीय देशों में बच्चों को बीमार करने वाली कावासाकी बीमारी अब भारत में आ चुकी है। कोरोना वायरस से जुड़े कावासाकी बीमारी की वजह से कई बच्चे मारे भी गए हैं। सैकड़ों का अभी इलाज चल रहा है। वहीं चेन्नई का एक 8 वर्षीय लड़का कोरोनो वायरस से जुड़े हाइपर-इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम से प्रभावित मिला है। इस बीमारी का यह देश में पहला मामला है।
कावासाकी से संक्रमित इस बच्चे को गंभीर हालत में चेन्नई के कांची कामकोटि चाइल्डस ट्रस्ट हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया था। बच्चे में जहरीले शॉक सिंड्रोम और कावासाकी बीमारी के लक्षण मिले थे।
शुरुआती जांच में बच्चे के अंदर सेप्टिक शॉक के साथ निमोनिया, कोविड-19 पेनुमोनिटिस, कावासाकी रोग और विषाक्त शॉक सिंड्रोम के लक्षण मिले थे। हालांकि बच्चे में कोरोना समेत मिले हाइपर-इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम को इम्युनोग्लोबुलिन और टोसीलीजुंबैब की दवाओं की मदद से ठीक कर दिया गया।
अस्पताल के मुताबिक पीड़ित बच्चे की गहन देखभाल की गई और दो सप्ताह बाद वो ठीक हो गया। बात करें दुनिया में इस बीमारी के प्रभाव की तो इससे पहले लंदन में अप्रैल के मध्य में दस दिन के अंदर आठ बच्चों में यह बीमारी मिली थी और हाल ही में अमेरिका में कई बच्चों में इसकी पुष्टि हुई है।
इस बीमारी से शरीर में मल्टी सिस्टम इंफ्लामेंट्री सिंड्रोम यानी जहरीले तत्व उत्पन्न होने लगते हैं और पूरे शरीर में फैल जाते हैं। इसका असर कई महत्वपूर्ण अंगों पर पड़ता है। इससे एकसाथ कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं और बच्चे की जान भी जा सकती है।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर खास सतर्कता बरतने की हिदायत दी है। डॉक्टर मारिया वैन कोरखोव ने कहा कि बच्चों में इंफ्लामेट्री सिंड्रोम जैसे हाथों या पैरों पर लाल चकत्ते निकलना, सूजन आना या पेट में दर्द होना कोरोना के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखें तो अभिभावकों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।