कटरीना ने बनाए नए जिम पार्टनर
बॉलीवुड अभिनेत्री कटरीना कैफ उन अभिनेत्रियों में जानी जाती हैं जो अपनी फिटनेस और हेल्थ को लेकर लगातार सजग हैं और इसके लिए हार्ड वर्कआउट के साथ ही जिम में काफी पसीना बहाती हैं। वो पहले कई बार सलमान खान के साथ भी जिम में दिखीं है। लेकिन ये क्या कटरीना ने तो नए जिम पार्टनर्स बना लिए हैं।
कटरीना ने हाल ही में कुछ दिन पहले इंस्टाग्राम में अपना अकाउंट ओपन किया है। जब से उन्होंने ऐसा किया है उनके प्रशंसक खुश हैं और वो कुछ न कुछ यहां पर अपडेट करती रहती हैं। कुछ दिन पहले जिम में वर्कआउट करते हुए एक वीडियो कटरीना ने शेयर किया था। तो हाल ही में एक फोटो शेयर किया है जिसमें उनके हाथों में डंबल दिख रहे हैं। यह तो ठीक है लेकिन साथ में सलमान नहीं बल्कि टाइगर्स हैं। दरअसल, कटरीना ने जो फोटो शेयर की उसमें सलमान के भांजे कटरीना के साथ वर्कआउट करते दिख रहे हैं। अरबाज और सोहेल खान के बेटे अरहान और निर्वान के साथ कटरीना डंबल लेकर वर्कआउट कर रही हैं। साथ में कटरीना ने कैप्शन में लिखा है कि ये फ्यूचर टाइगर्स हैं।
आपको बता दें कि, कटरीना सलमान खान की फेमिली से काफी करीब हैं। कटरीना की आने वाली फिल्म ’जग्गा जासूस’ है जिसमें रणबीर कपूर भी हैं। साथ ही कटरीना सलमान के साथ ’टाइगर जिंदा है’ की शूटिंग में व्यस्त हैं।
कैटरीना का जन्म हांगकांग में हुआ। उनके पिता मोहम्मद कैफ कश्मीरी मुस्लिम हैं और माँ सुजैन ब्रिटिश हैं। कैटरीना जब छोटी थीं तब उनके माता-पिता अलग हो गए। कैटरीना और उनकी आधा दर्जन बहनें अपनी माँ के साथ रह गईं। हवाई में कुछ दिन रहने के बाद कैटरीना इंग्लैंड चली गईं और चौदह वर्ष की आयु में उन्होंने मॉडलिंग शुरू की।
बॉलीवुड में कैटरीना को लाने का श्रेय कैजाद गुस्ताद को जाता है। वे जैकी श्रॉफ की पत्नी के लिए ‘बूम’ नामक फिल्म बना रहे थे और खूबसूरत कैटरीना उन्हें उपयुक्त लगीं। 2003 में प्रदर्शित हुई ‘बूम’ बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुई। विदेश में पली-बढ़ी कैटरीना का अभिनय भी खराब था। उन्हें हिंदी बिलकुल भी समझ में नहीं आती थी। कैटरीना का अनुभव बुरा रहा और बॉलीवुड के फिल्मकारों को भी कैटरीना में कोई खासियत नजर नहीं आई। उन्हें वेस्टर्न लुक वाली ऐसी अभिनेत्री बताया गया, जिसके हावभाव भी विदेशी लड़कियों जैसे थे।
इसी बीच सलमान खान से कैटरीना की दोस्ती हुई। कैटरीना का अभिनय की ओर झुकाव नहीं था, लेकिन सलमान ने उन्हें प्रेरित किया। सलमान के प्रयासों से ही ‘मैंने प्यार क्यों किया’ कैटरीना को मिली। रामगोपाल वर्मा की ‘सरकार’ में भी उन्हें छोटा-सा रोल मिला। 2005 में प्रदर्शित हुई इन दोनों फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर अच्छी सफलता मिली और फिल्मकारों का ध्यान कैटरीना की तरफ गया।
कैटरीना को युवाओं और बच्चों में लोकप्रियता मिली और चढ़ते सूरज को बॉलीवुड में सलाम किया जाता है। कैटरीना को सीमित क्षमताओं के बावजूद कुछ फिल्में मिलीं। ‘नमस्ते लंदन’ (2007) ने कैटरीना के करियर में निर्णायक भूमिका निभाई और इसकी सफलता का खासा लाभ उन्हें मिला।
इसके बाद तो कैटरीना ने अपने (2007), पार्टनर (2007), वेलकम (2007), रेस (2008), सिंह इज़ किंग (2008), अजब प्रेम की गजब कहानी (2009), दे दना दन (2009), राजनीति (2010) जैसी सफल फिल्मों की झड़ी लगाकर बॉलीवुड की अन्य नायिकाओं की नींद उड़ा दी। इन फिल्मों के जरिये उन्हें डेविड धवन, अनिल शर्मा, अब्बास-मस्तान, राजकुमार संतोषी, प्रियदर्शन, प्रकाश झा और अनीस बज्मी जैसे निर्देशकों के साथ काम करने का अवसर मिला, जिन्हें कमर्शियल फिल्म बनाने में महारथ हासिल है। कैटरीना को लकी एक्ट्रेस कहा जाने लगा और फिल्मों में उनकी उपस्थिति सफलता की गारंटी मानी जाने लगी। कैटरीना को बॉक्स ऑफिस की क्वीन कहा जाने लगा और आज उनके नाम पर आरंभिक भीड़ जुटती है।
कैटरीना को सफलता सिर्फ भाग्य के बल पर ही नहीं मिली। उन्होंने इसके लिए कठोर परिश्रम किया। अपनी अभिनय क्षमता को निखारा और फिल्म-दर-फिल्म उनका अभिनय बेहतर होता गया। सेट पर कोई नखरे नहीं दिखाए और जैसा निर्देशक ने बताया वैसा उन्होंने किया। कैटरीना इस बात से भी अच्छी तरह परिचित हैं कि उन्हें हिंदी फिल्मों में काम करना है तो इस भाषा को सीखना होगा वरना वे चेहरे पर भाव कैसे ला पाएँगी। उन्होंने हिंदी सीखी और अब वे हिंदी अच्छी तरह समझ लेती हैं। बोलने में उन्हें थोड़ी तकलीफ होती है और उनका लहजा विदेशी लगता है, लेकिन जल्दी ही वे अपनी इस कमजोरी पर भी काबू पा लेंगी।
अब कैटरीना में आत्मविश्वास आ गया है और वे सशक्त भूमिकाएँ भी निभा रही हैं। निर्देशक भी अब कठिन भूमिकाओं के लिए कैटरीना पर भरोसा करने लगे हैं। आज वे प्रकाश झा जैसे निर्देशक के साथ वे काम कर रही हैं, जिसकी कल्पना कुछ साल पहले की भी नहीं जा सकती थी।