ग्राम पंचायत के विकास के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए पत्रकार बैठा आमरण अनशन पर | Nation One
यूं तो केंद्र व प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकारी धन का पिटारा खोल रखा है लेकिन गांव का विकास करने वाले जिम्मेदार पंचायत विभाग के अधिकारी कर्मचारी उस धन को अपने विकास के लिए जमा कर गांव का विकास सिर्फ कागजों में कर इतिश्री कर लेने के आदी बन चुके हैं।
भ्रष्टाचार की शिकायत लाख कोई कर लें, अंत में जांच उसी भ्रष्ट अधिकारी के जिम्मे कि जाती है जो खुद भ्रष्टाचार मे लिप्त रहता है लिहाजा जांच रिपोर्ट मनमानी बनाकर आगे भेज दिया जाता है और फाइल को बंद कर दी जाती है।
ऐसे ही एक मामला यूपी के अमेठी के बाज़ार शुक्ल ब्लॉक के इक्का ताजपुर ग्राम पंचायत से जुड़ा है। गांव निवासी सुरजीत सिंह यादव गांव के विकास के नाम पर हुए भ्रष्टाचार के खेल से ऊबकर पूर्व में कई शिकायती पत्र जिले के उच्चाधिकारियों को देकर कागजों मे किए गए विकास का भौतिक सत्यापन कराए जाने की मांग की।
शिकायती पत्र का संज्ञान लेकर उच्चाधिकारियों ने बीडीओ बाज़ार शुक्ल को जांच के लिए भेजा। बीडीओ ने उसी अधिकारी से जांच कराई जो खुद भ्रष्टाचार मे लिप्त था लिहाजा जांच मनमाने तरीके से कागजों मे सिमट कर रह गई।
मामले में कुछ न होता देखा ग्रामीण सुरजीत सिंह ब्लॉक के सामने आमरण अनशन पर बैठ गए। अनशन की जानकारी मिलते ही विकास खंड के अधिकरियों के हाथ पांव फूल गए और तत्काल मौके पर पहुंचे बीडीओ ने एक सप्ताह के अंदर जांच कराकर रिपोर्ट देने का आश्वासन देते हुए अनशन को समाप्त कराया।
सुरजीत सिंह ने बताया कि बीडीओ ने जांच के एक सप्ताह का समय लिया है, यदि जांच दिए हुए समय के अंदर नहीं कराई जाती है तो विधान सभा के सामने आमरण अनशन करेंगे।
अमेठी से अशोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट