श्रीराम को भगवान नहीं मानने वाले जीतन राम मांझी ने मूर्ति पूजा पर उठाए सवाल | Nation One

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम को भगवान मानने से साफ इंकार कर दिया है। मांझी ने कहा कि वो राम के साथ-साथ किसी भी भगवान को नहीं मानते, ना ही किसी मूर्ति पूजा में विश्वाश रखते हैं।

मांझी ने कहा कि वो किसी मूर्ति की पूजा नहीं करते हैं और न ही उस पूजा में विश्वास रखते हैं। वो सिर्फ प्रकृति की ही पूजा करते है। मांझी दरभंगा के कुशेश्वरस्थान उप चुनाव के जदयू नामांकन में पहुंचे थे।

मांझी ने इस बात का जबाब नहीं दिया कि NDA में रहते उप्र चुनाव में वो राम के नाम पर वोट मांगने जायेंगे या नहीं। मांझी ने इस सवाल का जबाब नहीं दिया और उसे आने वाले समय पर छोड़ने की बात कह आगे निकल गए।

जीतन राम मांझी ने उत्तर प्रदेश में किसान घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए साफ शब्दों में कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत को सरकार से बात कर आंदोलन को खत्म करना चाहिए।

इतने लम्बे समय तक आंदोलन के नाम पर सड़कों को जाम करना उचित नहीं है। इस मसले पर अदालत ने भी अपनी नाराजगी जताई है। जीतनराम मांझी ने किसान नेता को नसीहत देते हुए कहा कि लोकतंत्र में एक व्यवस्था है कानून बनाने और उसे संशोधन करने का।

राकेश टिकैत को इसी राह पर रहना चाहिए। सीधे कानून को वापस करने की मांग सही नहीं है। सरकार ने उन्हें बहुत मौका दिया जिसका लाभ वो नहीं ले सके।

कांग्रेस और कन्हैया के राजनितिक सवालों पर जीतनराम मांझी ने कन्हैया को अच्छा वक्ता जरूर बताया लेकिन कन्हैया के साथ जनमत नहीं होने की बात कहते हुए कहा कि जैसे ही कन्हैया ने कांग्रेस ज्वाइन किया तभी उन्होंने कह दिया की अब कांग्रस पूरी तरह खत्म हो जायेगी।

कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा की कांग्रेस के अंदर जम्हूरियत नहीं है। लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है।

कांग्रेस में परिवारवाद है और कांग्रेसी किसी को कुछ नहीं समझते है। जीतनराम मांझी लालू परिवार पर कुछ भी बोलने से साफ-साफ बचते हुए भी नजर आये।