एशिया में चीन की दबंगई रोकने में जापान देगा भारत का साथ | Nation One

नई दिल्ली: भारत और जापान मिलकर एशिया में चीन की विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाने के साथ-साथ उसकी दबंगई को भी रोकेंगे. इसके लिए दोनों देश अपने संबंधों को नया आयाम दे रहे हैं. इसी कड़ी में जापान के नवनियुक्त पीएम योश‍िदे सुगा ने पीएम नरेंद्र मोदी से बात की है. बातचीत के दौरान पीएम सुगा ने चीन से बढ़ते खतरे को कम करने के लिए क्वॉड का सुझाव दिया है. साथ ही दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने आर्थिक, सैन्य संबंधो को और मजबूत करने पर सहमति जताई.

जापानी पीएम योशिदे सुगा ने पीएम मोदी से कहा कि वे फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक रीजन के लिए भारत-जापान-ऑस्ट्रेलिया और अमरीका के बीच सहयोग बढ़ाना चाहते हैं. चीन से बढ़ते खतरों को देखते हुए इन चार देशों ने मिलकर क्वॉड को बनाने का निर्णय किया है.

इसके अलावा जापानी पीएम ने संयुक्त राष्ट्र में भी आपसी सहयोग को बढ़ाने को लेकर बातचीत की है. बताया जा रहा है कि चीन से खतरे को देखते हुए भारतीय और जापानी आर्मी चीफ भी लगातार एक दूसरे के संपर्क में हैं. 14 सितंबर को ही जापानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल यूसा ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे से बातचीत की थी.

इस दौरान दोनों सेना प्रमुखों ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती घुसपैठ के खिलाफ सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई थी. हाल ही में जापान ने भारत के साथ डिफेंस सेक्टर में लॉजिस्टिक और सर्विसेज के लिए समझौता किया था. नई दिल्ली में हुए इस समझौते में भारत की तरफ से रक्षा सचिव अजय कुमार और जापान की तरफ से भारत में राजदूत सुजुकी सतोशी ने हिस्सा लिया. इस समझौते के तहत अब भारतीय सेना जापान से और जापानी सेना भारत से अपनी आवश्यकता का सामान का आसानी से आदान-प्रदान कर सकेंगी.

जानकारी के मुताबिक पूर्वी चीन सागर में चीनी युद्धपोतों की बढ़ती घुसपैठ से परेशान होकर जापान के रक्षा मंत्री तारो कोनो ने भारत को व्‍यापक क्षेत्रीय तंत्र बनाने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री होने के नाते मैं यह कहना चाहता हूं कि चीन, जापान के लिए सुरक्षा खतरा बन गया है। जापानी रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन के पास क्षमता भी और उसका यह इरादा भी है। उन्‍होंने कहा कि इंडो-पैसफिक क्षेत्र में भारत जापान सहयोग करे.