जम्मू :सैन्य सम्मान के साथ घर भेजे गए चार शहीद जवानों के पार्थिव शरीर…
कश्मीर: उत्तरी कश्मीर के गुरेज में मगंलवार को आतंकवादियों के मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के चार वीर जवानों के पार्थिव शरीर बुधवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके घर भेजा गया।
जिसके चलते आज श्रीनगर में सेना की चिनोर कोर के मुख्यालय…
आपको बता दे कि मंगलवार को पाकिस्तान की ओर से उत्तर- कश्मीर में बांदीपोरा के गुरेज सेक्टर में फायरिंग की आड़ में घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों से मुठभेड़ में चार भारतीय जवान शहीद हो गए। जिसके चलते आज श्रीनगर में सेना की चिनोर कोर के मुख्यालय बादामी बाग छावनी में कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने सुबह अपने शहीदों, मेजर केपी कुमार राणे, राइफलमैन हमीर सिंह, राइफलमैन मंदीप सिंह रावत व गन्नर विक्रमजीत सिंह को सलामी दी।
सैन्य मेजर के पी कुमार राणे महाराष्ट्र के थाणे…
इस मौके पर जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी डा एसपी वैद, सेना, पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों के साथ राज्य प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। ये चारों वीर मंगलवार को गुरेज में भीषण मुठभेड़ में घायल हुए थे। बाद में उन्होंने सैन्य अस्पताल में दम तोड़ दिया। सैन्य मेजर के पी कुमार राणे महाराष्ट्र के थाणे के निवासी थे। वर्ष 2011 में सेना में भर्ती हुए 29 वर्षीय राणे अपनी पीछे पत्नी व बेटा छोड़ गए हैं। वहीं 28 साल के राइफलमैन हमीर सिंह उत्तराखंड के उत्तर काशी इलाके के पाेखरियाल गांव के निवासी थे। वह अपने पीछे पत्नी व बेटी छाेड़ गए हैं।
सलामी देने के बाद शहीदों के पार्थिव शरीर…
राइफलमैन मंदीप सिंह रावत, उत्तरखंड के कोट द्वार के शिवपुर गांव के निवासी हैं। वर्ष 2012 में सेना में भर्ती हुए मंदीप अपने पीछे अपनी माता को छोड़ गए हैं। पच्चीस वर्षीय गन्नर विक्रमजीत सिंह हरियाणा के अंबाला के बरारा के टेपला गांव के रहने वाले थे। चार साल पहले ही सेना में भर्ती हुए विक्रम अपने पीछे पत्नी छोड़ गए हैं। सलामी देने के बाद शहीदों के पार्थिव शरीर बुधवार सुबह विमान से उनके घरों के लिए रवाना कर दिए गए। जम्मू कश्मीर में आतकियों के द्वारा लगातार हो रही मुठभेड़ मे ना जाने कितने जवानों की जान चली गई है। लेकिन फिर भी आतंकी अपनी हरकतों से बाज नही आ रहे है।