शनि के विराजमान होने से बनता है शुभ योग
न्याय के देवता शनि महाराज के बारे में आम धारणा है कि वह लोगों को केवल तकलीफ देते हैं। लेकिन सच्चाई तो यह है कि शनि व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शुभ कर्मों के परिणाम स्वरूप जिनकी कुण्डली में शनि का शुभ योग मौजूद होता है वे बड़े ही मेहनती होते हैं। यह जो भी काम करते हैं उनमें इन्हें पूरी सफलता मिलती है। समाज में प्रतिष्ठित और धन-सम्पन्न व्यक्ति होते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिनकी जन्मकुण्डली में शनि पहले, चौथे, सातवें अथवा दसवें घर में अपनी राशि मकर या कुंभ में विराजमान होता है। उनकी कुण्डली में पंच महापुरूष योग में शामिल एक शुभ योग बनता है। इस योग को शश योग के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का राजयोग है। शनि अगर तुला राशि में भी बैठा हो तब भी यह शुभ योग अपना फल देता है। इसका कारण यह है कि शनि इस राशि में उच्च का होता है। कहा जाता है कि जिनकी कुण्डली में यह योग मौजूद होता है वह व्यक्ति गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद भी एक दिन धनवान बन जाता है। मेष, वृष, कर्क, सिंह, तुला वृश्चिक, मकर एवं कुंभ लग्न में जिनका जन्म होता है उनकी कुण्डली में इस योग के बनने की संभावना रहती है। अगर आपकी कुण्डली में शनि का यह योग नहीं बन रहा है तो कोई बात नहीं। आपका जन्म तुला या वृश्चिक लग्न में हुआ है और शनि कुण्डली में मजबूत स्थिति में है तब आप भूमि से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। गुरू की राशि धनु अथवा मीन में शनि पहले घर में बैठे हों तो व्यक्ति धनवान होता है।