मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सुंजवां सैन्य ब्रिगेड पर आतंकी हमले और कठुआ के हीरानगर में आठ वर्षीय बच्ची की निर्मम हत्या के मामलों को लेकर जम्मू में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश हो रही है। सुंजवां में फिदायीन हमला इसी मंशा से हुआ था कि जम्मू में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा खत्म हो। हीरानगर में बच्ची की हत्या को भी इसलिए मजहबी रंगत देने की कोशिश हो रही है। हर हाल में ऐसी कोशिशें विफल होनी चाहिए। पीडीपी प्रधान व मुख्यमंत्री रविवार दोपहर को गांधीनगर के दशहरा ग्राउंड में पीडीपी के युवा अधिवेशन को संबोधित कर रही थी।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से वादा किया, कहीं भी नौकरियों देने के मामले में राज्य सरकार अमानत में खयानत नहीं करेगी। पिछले दरबाजे से नौकरियां देने का वक्त चला गया है। अब हकदार को हक दिया जा रहा है। वित्त मंत्री से बात की है कि अस्थायी तौर पर तैनात युवाओं को अच्छा वेतन देना संभव हो। महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर सबसे अमीर रियासत है, श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा आदि का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हमें आतंकवाद, सीमा के हालात व फिदायीन हमलों ने मारा है।
भारत, पाकिस्तान में बेहतर संबंधों के लिए रास्ते खोलने की वकालत करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि अब न तो जमीन वापस ली जा सकती है और न दी जा सकती है। सिर्फ रास्ते ही खोले जा सकते हैं। ऐसे में जम्मू कश्मीर की समस्या का समाधान करने के लिए जम्मू-सियालकोट, कारगिल स्कर्दू, नौशहरा-झंगड़ रास्तों को लोगों के आने जाने के लिए खोलना सही है। हमारे राज्य से लोग अन्य देशों में जा सकते हैं। जम्मू में सांप्रदायिक सौहार्द को बरकरार रखने के लिए युवाओं से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी को कश्मीर में रोशनी की किरण दिखी थी, मुझे जम्मू में वह रोशनी की किरण दिखती है। जम्मू वासियों ने कश्मीरी पंडितों, मुस्लिमों को अपने बीच बसाया। युवा इस रोशनी की किरण को बुझने न दें।
मुफ्ती मोहम्मद सईद के दिल के बसता था जम्मू
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे बैठक करें। मैं जम्मू के बारे में युवाओं से बात करना चाहती हूं, जम्मू मुफ्ती मोहम्मद सईद के दिल के बसता था। उन्होंने सरकार बनाने से पहले कहा था कि जम्मू ने भाजपा को वोट दिया है, हम जम्मू वासियों की आकांक्षाओं को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं। आज यहां पर हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने की कोशिश हो रही हैं, जिन्हें नाकाम बनाना जरूरी।