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इनेलो-बसपा के गठबंधन में आ सकती है दरारे..
जगजीत शर्मा(स्थानीय संपादक हरियाणा)
हरियाणा: इनेलो में लगातार उठ रही राजनीतिक सुगबुगाहट और उठा-पटक के बीच तल पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के इनेलो की यूथ विंग की इकाई और इनसो को भंग कर दिया। ताऊ देवीलाल के सम्मान में गोहाना रैली में दिखे परिदृश्य के बाद राजनैतिक हल्कों में इस बात सम्भावनाए व्यक्त की जा रही थी कि ओमप्रकाश चौटाला जल्द ही पार्टी में शक्त निर्णय ले सकते है। लेकिन सुप्रीमों द्वारा इस तरह का सक्त कदम अपने पोते के खिलाफ उठाया जा सकता है।
इसकी किसी को कल्पना नही रही होगी। चौटाला के इतने सक्त रवैये ने दिग्वीजय चौटाला और दुष्यंत को सत्ते में डाल दिया है,जो इतना अप्रत्याशित था कि जिसकी तैयारी भी दुश्यंत चौटाला ने नही कि होगी। हरियाणा के वर्तमान राजनिति के धुआधार और माहिर खिलाड़ी चौधरी ओमप्रकाश द्वारा जल्दबाजी में उठाया गया यह कदम इनेलो के लिए आत्मघाती सिद्द हो सकता है क्योकि दुष्यंत चौटाला में हरियाणा की जनता स्वर्गीय जननायक ताऊं देवीलाल का अक्स देखती है,जिसके नाम के सहारे खुद ओमप्रकाश 6 बार हरियाणा के सीएम रह चुके है।
बड़े चौटाले ने एक तरह से अभय चौटाला को अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है और इसके पीछे तर्क दिया है कि उनके और अभय चौटाला की गैरमौजूदगी में जिस तरह अभय ने संगठन को सम्भाला और मजबूत किया । इसी वजह से वह यह निर्णय कर रहे है । बड़े भाई और पिता को भी 10 वर्ष की सजा के बाद लगने लगा था कि इनेलो का अस्तित्व ही सम्माप्त हो जाएगा। पर परीक्षा की इस घड़ी में अभय चौटाला ने ना केवल परिवार को संभाला बल्कि पार्टी संगठन को भी बिखरने से बचाया। वही बसपा से हुए गठबंधन को भी उनकी राजनैतिक कुशलता के तौर पर देखा जा रहा है।