भारतीय संस्कृति सद्गुणों की खेती करना सिखाती हैः डॉ. पण्ड्या

गायत्री परिवार के अभिभावक डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि भारतीय संस्कृति सद्गुणों की खेती करना सिखाती है। जिस दिन संस्कृति जीवन में उतर जाएगी, उस दिन हमारा जीवन बदल जाएगा और हम महान बन जाएंगे। संस्कृति निष्ठ होने से ही सेवाभावी और सुसंस्कारी बना जा सकता है।

यह बात डॉ. पण्ड्या ने शांतिकुंज में शुक्रवार को भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित तीन दिवसीय मेधावी विद्यार्थियों के प्रशिक्षण शिविर के सम्मान व समापन समारोह में कही। शिविर में बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड सहित 15 राज्यों के राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रावीण्य सूची में आए छात्र-छात्राएं एवं उनके अभिभावकगण शामिल थे।

भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति

डॉ. पण्ड्या ने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है। भारतीय संस्कृति मानव जीवन के विकास को उच्च स्तर पर ले जाने की कला सिखाती है। संस्था की अधिष्ठात्री शैल दीदी ने विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त करने के विविध उपायों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीवन में ऊंचाइयों को छूना हो तो महापुरुषों की जीवनी, श्रेष्ठ साहित्यों का नियमित रूप से अध्ययन करना चाहिए।

साथ ही उनके सद्गुणों को जीवन में अपनाना चाहिए। इस अवसर पर मेधावी विद्यार्थियों को स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर कपिल केसरी और भासंज्ञाप के समन्वयक प्रदीप दीक्षित ने भी अपने विचार रखे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *