अफगानिस्तान की गंभीर स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी करेंगे संबोधित | Nation One
तालिबान ने शुक्रवार को अफगानिस्तान की 34 प्रांतों में से आधे से ज्यादा की राजधानियों पर नियंत्रण बना लिया है। दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहर पर नियंत्रण के बाद तालिबान ने हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह पर कब्जा कर लिया है।
बता दें कि तालिबान आतंकी अब काबुल से 50 किलोमीटर दूर है। उधर अफगानिस्तान की गंभीर स्थिति पर राष्ट्रपति अशरफ गनी आज देश को संबोधित कर सकते हैं। वहीं एएफपी के सूत्रों के मुताबिक नाटो के राजदूत ने शुक्रवार को एक बैठक की थी।
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा पर बैठक में दृढ़ विश्वास और संकल्प के साथ यह निर्णय लिया गया कि हम तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं और हर तरह से राष्ट्रीय प्रतिरोध को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
तालिबान द्वारा फिर से एक क्रूर, दमनकारी सरकार स्थापित करने के भय के बीच हजारों अफगान नागरिक अपने घरों से भाग गए हैं। कतर में शांति वार्ता रुकी हुई है, हालांकि राजनयिक अभी भी मुलाकात कर रहे हैं।
अमेरिका, यूरोपीय और एशियाई देशों ने चेतावनी दी है कि बलपूर्वक स्थापित किसी भी सरकार को खारिज किया जाएगा। हालांकि अमेरिका कुछ सप्ताह बाद अपने आखिरी सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाने वाला है।
डेनमार्क के विदेश मंत्री जेपे कोफोद ने कहा है कि काबुल में देश के दूतावास को अस्थायी तौर पर बंद किया जा रहा है और कर्मचारी वहां से निकाले जा रहे हैं।
जर्मनी भी काबुल के दूतावास से अपने कर्मचारियों को ला रहा है। जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने अफगानिस्तान में जर्मनी के सभी नागरिकों से तुरंत देश छोड़ देने को कहा है।