कांग्रेस में निकाय चुनाव से पहले ही पदों की जंग

निकाय चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ दल भाजपा और कांग्रेस की बेचैनियां बढ़ी हुई हैं। इधर, हाई कोर्ट ने परिसीमन के लिए दोबारा सुनवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं कांग्रेस में एक नए घमासान के लिए माहौल बनने लगा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) की पहली सूची जारी होने के साथ ही (एआइसीसी) के भी सदस्य बने कार्यकर्ता अपनी आगे की रणनीति बना रहे हैं। वहीं पीसीसी में ही स्थान बनाने से रह गए कार्यकर्ताओं की बेचैनी निगम चुनाव के लिए भी पार्टी का सिरदर्द बढ़ाने वाली साबित हो सकती है।

विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने बदलाव के रूप में प्रीतम सिंह को कमान सौंपी। इसके बाद नए सिरे पार्टी में ऊर्जा एवं बेहतरी की उम्मीद की जा रही थी। हालांकि, प्रदेश के साथ ही जिले एवं महानगरों के चुनाव व मनोनयन में कांग्रेस के कदम अभी भी ठिठके ही हैं। पार्टी इस पर निकाय चुनाव के बाद ही कदम आगे बढ़ाने की बात कह रही है। दूसरी ओर पीसीसी की कोऑर्डिनेशन कमेटी के लिए वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के नाम वाली पहली सूची करीब डेढ़ माह पूर्व जारी भी हो गई।

इसके बाद से पूर्व सीएम, विधायक, दर्जा मंत्री एवं संगठन पदाधिकारियों सहित 41 लोग तथा 10 मनोनीत पदाधिकारी एआइसीसी में स्थान हासिल कर चुके हैं, जबकि पूर्व विधायक सहित तमाम पूर्व दर्जाधारी एवं सक्रिय कार्यकर्ता भी इस सूची से छूट गए हैं। आरोप लग रहा है कि अपनों को फिट करने के लिए 10 मनोनीत सदस्यों की संख्या बढ़ा ली गई।

निकाय चुनाव पर रहेगा दांव

निकाय चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के लिए पीसीसी मेंबर होने की अनिवार्यता भी रहेगी। ऐसे में तमाम निकाय चुनाव की तैयारी में लगे तमाम सक्रिय अभी से भूमिका बनाने में लगे हैं। यही नहीं प्रदेश नेतृत्व के साथ-साथ दिल्ली दौड़ भी शुरू हो गई है।

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