बिजनौरः जिले में शेरकोट के गांव घोसियोवाला में शनिवार सुबह कुछ शरारती तत्वों ने मंदिर में रखा सामान जला दिया. इससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया. सूचना पर सीओ, थानाध्यक्ष सहित पुलिस बल गांव पहुंचा। ग्रामीणों ने पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग की है।
धामपुर के शेरकोट क्षेत्र के गांव घोसियोवाला में एक शिव मंदिर है. यहां कोई पुजारी तैनात नहीं है, केवल गांव के कुछ लोग ही मंदिर की देखभाल करते हैं. साथ ही रात में ताला भी नहीं लगता है. ग्रामीणों ने बताया कि वही लोग मंदिर में साफ-सफाई व देखभाल का कार्य करते हैं. शनिवार तड़के जब वे उठे तो मंदिर में सामान जला हुआ पाया. आरोप है कि, धार्मिक ग्रंथ भी फाड़ कर फेंके गए और कुछ को जलाया गया है. यही नहीं, मंदिर में रखा अन्य सामान भी जलाया गया. इससे गांव में तनाव व्याप्त हो गया. सूचना पर तुरंत सीओ सुनीता दहिया, थानाध्यक्ष अनुज तोमर और पुलिस बल गांव पहुंचा. उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली. ग्रामीणों का आरोप है कि कोई शरारती तत्व माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है, मामले में उचित कार्रवाई की जाए. पुलिस ने मंदिर में साफ-सफाई कराके जले हुए सामान को कब्जे में ले लिया. सीओ का कहना है कि गांव में शांति व्यवस्था कायम है, जांच की जा रही है.
तत्कालीन प्रमुख सचिव व डीएम के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा
सहारनपुरः एससी-एसटी की विशेष अदालत ने तत्कालीन प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज कुमार व तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय के विरुद्ध राष्ट्रद्रोह व एससी-एसटी एक्ट में परिवाद दर्ज कर सुनवाई की तिथि 19 नवंबर निर्धारित की है. इन दोनों अधिकारियों पर तीन वर्ष पूर्व बडग़ांव थानाक्षेत्र के गांव शब्बीरपुर में हुए जातीय दंगे में अनुसूचित जाति के पीडि़तों को एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के मुताबिक लाभ न दिए जाने का आरोप है.
अधिवक्ता राजकुमार ने बताया कि शब्बीरपुर निवासी दल सिंह ने विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट वीके लाल की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था कि वह शब्बीरपुर दंगे का पीडि़त है. इस संबंध में थाना बडग़ांव में मुकदमा पंजीकृत है. जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से उसे तीन लाख रुपये दिये गए थे, जबकि जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज है उनमें 8.25 लाख रुपये का अनुदान और 5 हजार रुपये महीने की मूल पेंशन के साथ महंगाई भत्ता दिए जाने का प्रावधान था.
यही नहीं पीडि़त के बच्चों की स्नातक स्तर तक शिक्षा का पूरा खर्च, उनका भरण पोषण, सरकार द्वारा पूर्णत: वित्त पोषित आश्रम व आवासीय स्कूलों में दाखिला दिए जाने का प्रावधान था. जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने पेंशन व अन्य सुविधाएं दिए जाने के संबंध में 17 जून 2020 को प्रमुख सचिव समाज कल्याण को पत्र लिखकर इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा था परंतु, इस पत्र का आज तक जवाब नहीं आया है.विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट वीके लाल ने अपने आदेश में कहा है कि एससीएसटी एक्ट की धारा-4 एवं महामहिम के आदेशों की स्पष्ट अवमानना देशद्रोह की श्रेणी का अपराध किया है.