भारतीय सेना में 423 जांबाज अफसर शामिल
- कश्मीर में सोशल मीडिया खराब कर रहा हालातः सेनाध्यक्ष
देहरादून
भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण पूरा करके 423 कैडेट भारतीय सेना में बतौर अफसर शामिल हो गए। उनके साथ ही 67 विदेशी कैडेटों ने भी प्रशिक्षण पूरा किया। परेड की सलामी के बाद संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि कश्मीर में हालत सोशल मीडिया के कारण खराब हो रहे हैं।
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सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि सेना को महिला अफसरों की जरूरत है। कई बार जब सेना ऑपरेशन के लिए जाती है तो विरोध में महिलाएं भी सामने आ जाती हैं। आतंकी आजकल महिलाओं को ढाल बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए हमें अपडेट होने की जरूरत है, क्योंकि आतंकी नए-नए तरीके अपना रहे हैं। उन्होंने कश्मीर में बिगड़ रहे हालात के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मिस इन्फारमेशन या डिस इन्फारेशन फैलाया जा रहा है।
शनिवार सुबह साढ़े छह बजे आईएमए में पासिंग आउट परेड शुरू हुई। कैडेटों ने मार्चपास्ट कर मुख्य अतिथि जनरल बिपिन रावत को सलामी दी। परेड में 490 कैडेटों ने हिस्सा लिया। इनमें 67 विदेशी कैडेट शामिल थे। परेड के दौरान सेना प्रमुख ने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफारमेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान प्रदान किए। अविनाश क्षेत्री को स्वार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। अविनाश को स्वर्ण , विकास सांगवान को रजत और रोहित जोशी कांस्य पदक दिया गया। जबकि अक्षय सिंह बिष्ट ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट विलफ्रेड साइप्रियन लयाकुरवा चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर सिंहगढ कंपनी को मिला।
जनसंख्या के हिसाब से उत्तराखंड टॉप पर
देहरादून। जनसंख्या के हिसाब से छोटे राज्य उत्तराखंड से 40 कैडेट पास आउट हुए। आईएमए की तरफ से जारी सूची के अनुसार इस बार यूपी से 74 कैडेट पास आउट हुए। हरियाणा से 49, आंध्रप्रदेश से 7, असम से 7, बिहार से 28, चंडीगढ़ से 6, छतीसगढ़ से 2, दिल्ली से 23, गुजरात से 3, हिमाचल प्रदेश से 21, जम्मू-कश्मीर से 11, झारखंड से 5, कर्नाटक से 11, केरल से 17, मध्यप्रदेश से 13, महाराष्ट्र से 24, मणिपुर से 8, नागालैंड से एक, ओडिशा से पांच, पंजाब से 17, राजस्थान से 30, तमिलनाडू से पांच, तेलंगना से एक, पश्चिम बंगाल से 11 कैडेट पासआउट हुए।
इस बार भी अफगानिस्तान से सबसे ज्यादा 48, तजाकिस्तान के आठ, पापुआ न्यू गिनी, किर्गिस्तान, भूटान, टोंगा,सूडान, लैसथो के एक-एक कैडेट तथा फिजी के तीन और तनजानिया के दो कैडेट भी सैन्य प्रशिक्षण लेकर अपने देश की सेना में शामिल हुए।