अगर आप PORN देखते है तो होजाए सावधान, जाने इसके क़ानून और दंड | Nation One
फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति और भारत के मशहूर बिजनेस मैन राज कुंद्रा पोर्न रैकेट के मामले मे गिरफतार है। बता दें कि पुलिस का कहना है कि उनके पास कुंद्रा के खिलाफ काफी सबूत मौजूद हैं।
राज कुंद्रा को अश्लील फिल्म बनाने और उन्हें प्रकाशित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसी दौरान लोगो का सारा ध्यान भारत के पोर्नोग्राफी कानून और उनके दंड़ जानने मे एकाग्रित है। सवाल यह है कि क्या भारत मे पोर्न देखना भी गैरकानूनी है?
पोर्नोग्राफी कानून और उनके दंड़ प्रावधान
जानकारी के लिए बता दे कि साइबर पोर्नोग्राफी कानून जिसके तहत राज कुंद्रा पर आरोप लगे हैं, वह कानून है जिसमें साइबरस्पेस का उपयोग कर या उसके जरिए अश्लील सामग्री बनाने, दिखाना, वितरित करना, या प्रकाशित किया जाता है। साइबर स्पेस से कंटेट बड़े पैमाने पर ऑन लाइन या डिजिटल पोर्नोग्राफिक कंटेट में बदल जाता है।
साल 2000 के कानून का नियम
वैसे तो साइबर पोर्नोग्राफी कई देशों में बैन और वैध है. लेकिन बता दें कि भारत के सूचना तकनीकी कानून 2000 के अंतर्गत ना तो यह प्रतिबंधित है और ना ही वैध है। इस कानून में वेबसाइट पर सामग्री अपलोड करना, व्हाट्सऐप ग्रुप या किसी अन्य डिजिटल पोर्टल पर अपलोड करना जहां से थर्ड पार्टी इस तरह के कटेंट को देख सके दंड़नीय अपराध है।
इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति इस तरह के प्रकाशन या प्रकाशन में कारण बनता है तो वह भी इस कानून के मुताबिक दंडात्मक कार्रवाई के योग्य माना जाएगा। इसमें उन पोर्टल के संचालक भी इस कानून के दायरे में आ जाएंगे क्योंकि उन पोर्टल के जरिए अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित हुई है।
क्या भारत में बैन है पोर्नोग्राफी ?
IT ऐक्ट के तहत पोर्नोग्राफी से जुड़े गुनाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होती है। वैसे तो भारत में पोर्नोग्राफी पूरी तरह से बैन है, लेकिन सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी बेवसाइट्स ये कंटेंट दिखाती हैं।
बता दें कि भारत में ये लीगल भी नहीं है लेकिन अगर आप निजी डिवाइस पर इस तरह का कंटेंट देख रहे हैं तो कोई जुर्म नहीं। हालंकि, अगर आप किसी को जबरदस्ती अश्लील फिल्म बनाने या उसे देखने के लिए कह रहे हैं, तो यह भी अपराध है।
कितनी होगी सजा?
IT ऐक्ट के तहत पोर्नोग्राफी से जुड़े गुनाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होती है। आईटी कानून 2008 की धारा 67 (ए) और आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 व 509 मे सजा का प्रावधान है।
अपराध की गंभीरता को देखते हुए पहली गलती पर 5 साल तक जेल या 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। लेकिन दूसरी बार ऐसे जुर्म में पकड़े जाने पर जेल की सजा बढ़कर सात साल तक हो सकती है।