शिकारी लखपत ने आदमखोर तेंदुए को मार गिराया
गरुड़ तहसील के हरीनगरी गांव में आतंक का पर्याय बने आदमखोर गुलदार (तेंदुए) को शिकारी लखपत सिंह ने पहले ही निशाने में ढेर कर दिया। गत सोमवार की रात गुलदार ने हरीनगरी निवासी दीवान राम के छोटे पुत्र दीपक ( सात वर्ष) को अपना निवाला बना लिया था। इससे पूर्व गुलदार इसी वर्ष 23 मार्च की रात्रि में इसी गांव निवासी दीपक कुमार के छोटे पुत्र करन उम्र चार वर्ष को भी अपना निवाला बना चुका था।
गुलदार को आदमखोर किया घोषित
दूसरी घटना पर गुलदार को मंगलवार को आदमखोर घोषित किया गया था। बुधवार को प्रख्यात शिकारी लखपत सिंह ने गुलदार को मार गिराने के लिए मोर्चा संभाला। बुधवार को उन्होंने रात्रि में सर्च किया, लेकिन मौसम खराब हो गया। गुरुवार को उन्हें केवल गुलदार के दहाड़ने की आवाज सुनाई दी, लेकिन उन्हें गुलदार कहीं नजर नहीं आया। शुक्रवार को उन्हें अमस्यारी में एक मादा गुलदार दो बच्चों समेत दिखी।
इसी रात्रि को आदमखोर गुलदार पुनः हरीनगरी गांव में आ धमका और दोनों पीड़ित परिवारों के बीच में स्थित जीत राम के घर से कुत्ते को उठा ले गया। शनिवार को सुबह से ही शिकारी लखपत ने आदमखोर गुलदार को मार गिराने के लिए रणनीति बना ली थी। उन्होंने आदमखोर के पंजे के निशान लेकर मचान बनाया और रात्रि में मचान से ही उसकी गतिविधि पर कड़ी नजर रखनी शुरू की। रात्रि लगभग 10 बजे अपने शिकार की तलाश में आदमखोर उस गधेरे (बरसाती नाला) में आया, जहां कुत्ते को आधा खाया शव था। मौका मिलते ही शिकारी लखपत ने निशाना लगाया और वह अचूक निशाना आदमखोर के सीने में जा लगा। कुछ दूरी पर आदमखोर ढेर हो गया।