उत्तराखंड विधानसभा में नियुक्तियों पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

नैनीताल


नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस सरकार के समय में विधानसभा में हुईं नियुक्तियों पर जवाब मांगा है। एक अन्य जनहित याचिका पर सुनवाई कर हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

बागेश्वर निवासी राजेश चंदोला ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने अपने कार्यकाल में तमाम लोगों को विभिन्न पदों पर बगैर किसी प्रक्रिया को अपनाए ही नियुक्तियां दे दी है। इसमें चपरासी से लेकर संपादक के पदों तक लोगों को मनमाने तरीके से नियुक्त किया गया है। मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। यहां बता दें कि ये नियुक्तियां लंबे समय से चर्चा में हैं। कई नेताओं ने अपने रिश्तेदारों को इन पदों पर नियुक्तियां दिलवाई है।

इधर देहरादून निवासी दीपक राणा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव को 22 जून को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। इस याचिका में कहा गया था कि प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति अच्छी नहीं है। शिक्षकों की कमी है, विद्यालय भवन जर्जर हालत में हैं। शौचालयों का अभाव है, बच्चों को मिड डे मील का भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। कक्षाओं में फर्नीचर नहीं हैं। पेयजल का संकट है, समय पर किताबें उपलब्ध नहीं हो रही हैं। पिछले साल  नवंबर में कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षा की दशा सुधारने के लिए दस बिन्दुओं पर गाइड लाइन जारी की थी। इनका पालन न होने पर याची ने फिर से हाईकोर्ट की शरण ली थी।

 

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