ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई करेगी हेमंत सरकार | Nation One

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में लगे आंशिक लॉकडाउन से जहां एक ओर आम जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। वहीं पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही प्री मानसून बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है।

इससे किसानों को काफी आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फैसला किया है कि राज्य सरकार ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान किया आर्थिक भरपाई करेगी।

डीसी ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का आकलन करें

सोशल मीडिया में एक आदेश जारी कर सीएम ने बताया है कि इस इस संबंध में सरकार की ओर से जरूरी आदेश निर्गत किए जा रहे हैं। सभी 24 जिलों के डीसी को निर्देश दिया गया है कि वह ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का आकलन करें और 1सप्ताह के भीतर पूरी रिपोर्ट भेजे। ताकि सरकार मुआवजा की राशि किसानों को जारी कर सके।

विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार किया जा रहा है

बता दें कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में ओलावृष्टि हो रही है। किसानों को हुए नुकसान की जानकारी मुख्यमंत्री तक विभिन्न माध्यमों से पहुंच रही है। स्थिति का आंकलन करते हुए सरकार ने किसानों को फसल के नुकसान के बदले उनकी मदद के लिए मुआवजा देने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग और कृषि विभाग से इस संबंध में जानकारी भी प्राप्त की है। विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार किया जा रहा है। आंकड़ों के आधार पर मूल्यांकन भी किया जा रहा है।

कृषि विभाग के अधिकारियों की माने तो इस बार बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण तरबूज वगैरह का नुकसान हुआ है। तरबूज के अलावा गेहूं और सब्जियों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।

रांची,  गुमला, लोहरदगा, पलामू और हजारीबाग के किसानों को काफी नुकसान हुआ है

बारिश और ओलावृष्टि से रांची,  गुमला, लोहरदगा, पलामू और हजारीबाग के किसानों को काफी नुकसान हुआ है। लोहरदगा में गेंहू, सरसों के साथ-साथ सब्जियों की फसलें बर्बाद हुई हैं। किसान कृषि उत्पादों को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं।

कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीर गहरी हुई है। पलामू में गेहूं की फसल बर्बादी हुई है। गुमला में चना, मटर, टमाटर, मिर्च और प्याज। वहीं रांची में स्ट्रॉबेरी और सब्जियों की फसल को क्षति बताया जा रहा हैं। गोभी, पालक, आलू, पपीता और मटर पर भी मौसम की मार पड़ी है।