पौड़ी जिले में भारी बारिश का कहर, महिला और बच्चे की मौत, आपदा वाले इलाके में पहुंचे सीएम
- मुख्यमंत्री ने किया आपदा वाले इलाकों का दौरा
- आपदा प्रभावितो ंको हरसंभव मदद का आश्वासन
- अब तक आपदा में पांच लोगों के मारे जाने की सूचना
देहरादून
पौड़ी गढ़वाल जिले में भारी बारिश ने कहर मचा दिया। शनिवार को रीठागांव में तेज बारिश में एक कच्चा मकान ध्वस्त होने से एक महिला और बच्चे की मौत हो गई। वहीं कोटद्वार क्षेत्र मे ंभारी बारिश से साढ़े तीन सौ से ज्यादा परिवार प्रभावित होने की सूचना है। उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी भारी बारिश से नुकसान हुआ है। तेज बारिश में अब तक पांच लोगों के मारे जाने की सूचना प्रशासन ने दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को कोटद्वार के आपदा वाले इलाकों का दौरा किया।
पौड़ी जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि रीठागांव में तेज बारिश में हुए हादसे के मृतकों में दीपा देवी (30) पत्नी जय सिंह तथा साहील पुत्र जय सिंह (4) निवासी रीठा गांव शामिल हैं। वहीं तीन अगस्त को देर रात अधिक बारिश में कोटद्वार के रामागांव में एक मकान की दीवार गिरने से एक बालिका की मृत्यु हो गई थी। वहीं चार अगस्त को रात करीब दो बजे कोटद्वार शहर में तेज बारिश आबादी वाले इलाकों में पानी भरने की सूचना मिली थी। रिफ्यूजी काॅलोनी , कोडिया, नया गांव, बलभद्रपुर, मोटा ढांग, नींबू चौड़, काशीरामपुर, सिगड्डी, लालपानी में पानी के साथ आए मलबे से लगभग सौ मकानों को क्षति पहुंचने की सूचना है। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए थे। देहरादून औऱ ऋषिकेश से एसडीआरएफ की टीमों को राहत व बचाव के लिए भेजा गया है। लगभग डेढ़ हजार लोगों को धर्मशाला और राजकीय इंटर कालेज के भवन में ठहराया गया है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शनिवार को सड़क मार्ग से देहरादून से आपदा प्रभावित क्षेत्र कोटद्वार पहुंचे। गुरुवार को अतिवृष्टि के कारण कोटद्वार में हुए जान माल के नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों का निरीक्षण किया औऱ लोगों की समस्याएं सुनीं। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों से अपील की है कि जब तक जिला प्रशासन न कहे तब तक ठहराये गए सुरक्षित स्थानों को न छोड़ें। आपदा प्रभावितों के लिए खाद्य वस्तुओं, स्वास्थ्य, शुद्ध पेयजल आदि सुविधाओं की उचित व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर की जाए। नुकसान का आकलन कर परिवारों की पर्याप्त मदद करने का आश्वासन दिया।