कोविड-19 से संबद्ध मंत्री समूह की 16वीं बैठक वीडियो कांफ्रेंस के जरिए नई दिल्ली में आयोजित हुई, जिसमें कोरोना महामारी से निपटने के उपायों की समीक्षा की गई।
मंत्री समूह के अध्यक्ष डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि विश्व की तुलना में भारत बेहतर स्थिति में हैं, लेकिन संतुष्टि की कोई गुंजाइश नहीं हैं। बैठक में देश में चिकित्सा ढ़ांचे की जानकारी दी गई।
उन्हें बताया गया कि 9 जून तक कोरोना संबंधी स्वास्थ्य ढ़ांचे को मजबूत बनाया गया। इसके अंतर्गत 958 समर्पित कोविड अस्पतालों की व्यवस्था की गई जिसमें एक लाख 67 हजार बिस्तर उपलब्ध हैं। इनमें 21 हजार ICU बेड और 73 हजार से अधिक ऑक्सीजन की व्यवस्था वाले बेड शामिल हैं।
हर्षवर्धन ने बताया कि देश में 2,313 समर्पित कोविड स्वास्थ्य केन्द्र और 7,500 से अधिक कोविड देखभाल केन्द्र उपलब्ध हैं। कोविड बिस्तरों के लिए करीब 21,500 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। केन्द्र ने 60,848 और वेंटिलेटरों के लिए ऑर्डर दिया है।
बैठक में उन्होंने यह भी बताया गया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद की परीक्षण क्षमता 553 सरकारी और 231 निजी प्रयोगशालाओं के माध्यम से बढ़ाई गई हैं। देश में अभी तक 49 लाख से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है।
उन्होने बताया कि देश में 1,29,214 कोविड रोगी ठीक हो चुके हैं। इससे संक्रमण से स्वस्थ होने की दर बढ़कर 48 दशमलव चार सात प्रतिशत हो गई है। देश में अभी 1,29,917 लोगों का उपचार चल रहा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने पर जोर देते हुए कहा कि इससे जोखिम के खुद आकलन और संक्रमण से सुरक्षा में मदद मिलेगी। देश में अब तक 12 करोड़ 55 लाख से अधिक लोग यह ऐप डाउनलोड कर चुके हैं।
अधिकार प्राप्त मंत्री समूह के अध्यक्ष परमेश्वरन अय्यर ने लॉकडाउन के दौरान देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए अपनाई गई महत्वपूर्ण कार्यनीतियों का उल्लेख किया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद के डॉ. रमन गंगाखेरकर ने परीक्षण प्रयोगशालाओं और परीक्षण क्षमता में वृद्धि की स्थिति का ब्यौरा दिया। उन्होंने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन, रेमडेसिविर और सेरो अध्ययन से संबंधित मुद्दों का भी उल्लेख किया।
बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद रवि भी उपस्थित थे।