श्रीनगर मेडिकल कालेज को सेना देने के फैसले पर हरीश रावत ने जताई आपत्ति

शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार के श्रीनगर मेडिकल कालेज को सेना देने के फैसले पर भी आपत्ति जताई है। पिछले दिनों रैली निकाल रहे बेरोजगारों पर लाठी चार्ज के लिए रावत ने सरकार की कड़ी आलोचना की है।

आज हालांकि एसजीआरआर ने पिछले दो सत्रों की मेडिकल फीस वापस ले ली है, लेकिन इस मुद्दे ने अब खासा तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में हरीश रावत ने सरकार पर तीखे प्रहार किए। कहा कि कांग्रेस सरकार में मैंने प्रवेश और फीस नियंत्रण समिति का गठन किया था। शैक्षणिक संस्थानों की फीस का निर्धारण यह समिति करती थी। वर्तमान सरकार ने यह अधिकार विवि को दे दिया है। इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। यह राज्य के छात्रों के साथ अन्याय है।

सरकार को तत्काल यह फैसला वापस लेना चाहिए। रावत ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जिन कालेजों को निवेशक बताते हुए रियायत देने की बात कर रहे है, उनकी स्थापना तो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही हेा गई थी। अब भला मुख्यमंत्री किस आधार पर उन्हें रियायत देने की बात कर रहे हैँ?

सांसद राजबब्बर ने भी फीस वृद्धि पर टवीट कर जताई आपत्ति

उधर, उत्तराखंड कोटे से राज्यसभा सांसद राजबब्बर ने भी फीस वृद्धि पर टवीट कर आपत्ति जताई है। अपनी ट्वीट में बब्बर ने कहा है कि- हैरान हूं कि उत्तराखंड में मेडिकल की पढ़ाई के नाम पर लूट को सरकार को समर्थन है। ये फैसला देश में डाक्टरों की कमी को बरकरार रखने और मेडिकल सुविधाओं को आमजन की पहुंच से बाहर रखने वाला फैसला है।

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