उत्तराखंड सुबे के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत आज धर्म नगरी हरिद्वार के दौरे पर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार के कनखल स्थित बड़ा उदासीन अखाड़ा पहुँच संतो और गंगा सभा के पदाधिकारियों से मुलाकात की और अखाड़े में मौजूद संतो का आशीर्वाद भी लिया।
इस दौरान हरीश रावत ने 2016 में हरकीपौडी से बह रही गंगा को अपने द्वारा गंगा स्केप चैनल घोषित करने के लिए जन समुदाय से माफी मांगी और तत्कालीन हरीश रावत सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय को बदलने की वर्तमान सरकार से मांग भी की। वही हरीश रावत ने वर्तमान सरकार द्वारा इस मांग को ना माने जाने पर कांग्रेस द्वारा सत्ता में वापस आने पर इस निर्णय को बदलने की बात भी कही।
आपको बता दे कि 2016 में तत्कालीन हरीश रावत की सरकार ने हरकीपौडी से बह रही गंगा को गंगा स्केप चैनल घोषित कर दिया गया था और माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश होने के बाद भी गंगा किनारे अवैध रूप से हुए भारी सांख्य में निर्माणों को ध्वस्त होने से बचाया था। उस समय भी तत्कालीन हरीश रावत सरकार द्वारा एक टेक्निकल बदलाव कर गंगा किनारे अवैध निर्माण करने वालो को फायदा पहुचाया गया था। आज हरीश रावत अपने द्वारा खुद किए गए इस बदलाव को पलटने की मांग भाजपा सरकार से कर रहे है और सत्ता से बाहर होने के 3 साल बाद लोगो से इस निर्णय के लिए माफी मांग रहे है
हरिद्वार स्थित बड़ा उदासीन अखाड़ा पहुचे हरीश रावत का कहना है की सम्मान की भावना रखते हुए 2016 में तात्कालिक सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के फल स्वरूप एनजीटी की तलवार लटक रही थी। इस वजह से 300 से ज्यादा संख्या में निर्माणों ध्वस्त होने जा रहे थे एनजीटी ने सरकार को पक्ष रखने को कहा तब समय कम होने की वजह से हमने टेक्निकल बदलाव करते हुए आदेश जारी कर इन निर्माणों को ध्वस्त होने से बचाया था।
उन्होंने कहा कि उस समय के निर्णय से जिन लोगो की भावना आहत हुई है मै उनसे क्षमा चाहता हूँ और इस मामले में मेरे द्वारा श्री 1008 अखाड़ा परिषद और श्री गंगा सभा हरिद्वार को संबोधित करते हुए एक पत्र सरकार को लिखा गया है, ताकि यह निर्णय वर्तमान सरकार द्वारा बदला जाए नही। तो कांग्रेस आने वाले समय मे 2022 में सत्ता पर काबिज होकर इस निर्णय को बदलने का कार्य करेगी।
गंगा को स्केप चैनल घोषित करने के लिए आज माफी मांग रहे तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत पर बड़ा उदासीन अखाड़ा के महंत दुर्गादास का कहना है कि सुबह का भुला अगर शाम को वापस आए तो उसे भुला नही कहते है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आजा संतो श्री गंगा सभा और हरिद्वार के नागरिकों के सामने अपनी भूल को उजागर किया है और इनके द्वारा आश्वाशन दिया है कि इस भूल को सुधारा जाएगा।
वर्तमान सरकार द्वारा इसको नही सुधारा जाता है तो सत्ता में वापसी पर कांग्रेस इस भूल को सुधरेगी। महंत दुर्गादास का यह भी कहना है कि सरकार द्वारा किये गए निर्णय को सरकार द्वारा बदला जा सकता है। इसलिए वर्तमान सरकार को भी इस निर्णय को अविलंब निरस्त करना चाहिए।
वही इस मामले में श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस बात को महसूस कर रहे है कि इनसे तत्कालीन समय मे गलत हुआ है। गंगा को स्केप चैनल घोषित करना यह धर्म पर कोठारघात है। पूर्ण हरिद्वार की पिछले 4 सालों से मांग है कि निर्णय में बादलाव कर हरकीपौडी पर बह रही गंगा को स्केप चैनल ना संबोधित किया जाए। गंगा को स्केप चैनल कह कर संबोधित करने से पूर्ण हरिद्वार में आक्रोश है, वर्तमान सरकार शीघ्र इसको गंगा की निर्मल धारा घोषित करे निर्णय में बदलाव करे नही तो इस निर्णय को बदलने के लिए आंदोलन किया जाएगा।
2016 में गंगा को स्केप चैनल घोषित कर अपने द्वारा ही लिए गए निर्णय को लेकर आज हरीश रावत हरिद्वार के जन समुदाय से माफी मांग रहे है और उस समय लोगो की आस्था पर किए कोठारघात को आज भाजपा की वर्तमान सरकार से बदलने की मांग कर रहे है।
वहीं वर्तमान सरकार द्वारा इस निर्णय को ना बदलने पर खुद सत्ता में काबिज होने पर निर्णय दोबारा बदलने की बात कर रहे है। अब देखना होगा कि वर्तमान सरकार लोगो की आस्था से जुड़े इस मामले में क्या प्रतिक्रिया देती है और हरीश रावत के 2022 में उत्तराखंड की सत्ता पर काबिज होने के सपने कितने साकार होते है।
हरिद्वार से वंदना गुप्ता की रिपोर्ट