अतिथि शिक्षकों के लिए घोषणा पत्र मे किया वादा पूरा करे सरकार : उक्रांद | Nation One
उत्तराखंड क्रांति दल ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अतिथि शिक्षकों को गुमराह करके उनके महत्वपूर्ण पांच साल बर्बाद किये हैं।
उक्रांद नेता ने कहा कि कांग्रेस सहित बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र पर अतिथि शिक्षकों का जिक्र था। लेकिन अतिथि शिक्षकों का भविष्य अभी अधर में लटका हुआ है।
उक्रांद नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि इन पांच सालों में राज्य सरकार ने अतिथि शिक्षकों को अल्प वेतनमान पर राज्य के कोने-कोने में कई विद्यालयों तक दौड़ाया है। इसी अस्थिरता की वजह से सैकड़ों अतिथि शिक्षक अपने निजी खर्चे पर विद्यालयों में अपनी सेवा दे रहे हैं।
अतिथि शिक्षकों को मात्र 15000 मानदेय तय किया गया है लेकिन पिछले 7 8 महीने से यह पैसा भी अतिथि शिक्षकों को नहीं दिया गया है जबकि उन्हें उनके गृह जनपद से सुदूर क्षेत्रों में अध्यापन हेतु भेजा गया है।
उक्रांद नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने याद दिलाया और कहा कि क्योंकि सरकार ने बार-बार उन्हें सुरक्षित भविष्य का भरोसा दिलाया है और सरकार के चुनावी घोषणापत्र के विज्ञापन पर भी अतिथि शिक्षकों के सुरक्षित भविष्य मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था। उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल ने 2017 मे अपने अभिभाषण में सबसे पहले अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने की बात कही थी।
उक्रांद के केंद्रीय युवा अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट ने बताया कि वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिंवेद्र रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी अतिथि शिक्षकों के आन्दोलन में सहयोग करने आये थे।
उक्रांद युवा अध्यक्ष बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने से पहले त्रिवेंद्र रावत उनके आंदोलन में बिन बुलाए आये थे लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने कहा हम आपको पहचानते ही नहीं। उसके बाद उन्होंने 4 हजार साथियों से आज तक 10 सेकिंड की बात भी नहीं की है।
अतिथि शिक्षक विभाग और समाज के बीच खुद को असहज महसूस कर रहा है क्योंकि सरकार अतिथि शिक्षकों की उपेक्षा कर रही है। इसलिए उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार से मांग की है कि उनका भविष्य सुरक्षित करें और उनके लिए सम्मान जनक पाॅलिसी बनाएं? क्योंकि अतिथि शिक्षकों का चयन भी 15-20 वर्षो की सम्पूर्ण परीक्षाओं की तमाम शैक्षिक योग्यताओं के सम्पूर्ण अंकों में अव्वल रहने के फलस्वरूप हुआ है।
उक्रांद ने कहा कि पांच साल बीत जाने के पश्चात भी अतिथि शिक्षक निराश और हताश हैं और निरंतर उसका आत्मविश्वास टूट रहा है क्योंकि कई लोग अपना स्थाई रोजगार छोड़कर यहां आये थे, अतिथि शिक्षक सरकार की नीतियों के कारण अपमानित हो रहा है।
उत्तराखंड क्रांति दल अतिथि शिक्षकों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि अतिथि शिक्षकों की किसी भी तरह के संघर्ष के साथ उत्तराखंड क्रांति दल साथ में खड़ा है।