वेतन विसंगति पर सरकार बात करने को तैयारः सीएम
राज्य में सातवें वेतनमान की विसंगतियों को लेकर लगातार बढ़ते दबाव पर सरकार का रुख नरम पड़ता नजर आ रहा है। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी साफ किया कि किसी भी तरह की वेतन विसंगति पर बात करने को तैयार हैं। सर्वे चैक स्थिति एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि कर्मचारियों की जो भी समस्याएं हैं, उन्हें प्राथमिकता से दूर किया गया है। जो समस्याएं अभी भी बाकि हैं, उन्हें भी दूर किया जाएगा।
किसी भी तरह की वेतन विसंगति पर सरकार बात करने को तैयार हैं। दूसरी ओर उत्तराखंड कार्मिक शिक्षक आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा ने सातवें वेतनमान की विसंगतियों के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है। गेट मीटिंग का सिलसिला लगातार तेज कर दिया गया है। बुधवार को ऊर्जा निगम मुख्यालय पर गेट मीटिंग कर विरोध जताया गया।
कर्मचारी नेताओं ने सरकार पर कर्मचारियों को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। कहा कि कहीं स्टापिंग पैटर्न का लाभ देकर कर्मचारियों को छह छह पदोन्नति दे दी गई। वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में ऐसे भी कर्मचारी हैं, जिन्हें पूरे सेवाकाल में भी तीन पदोन्नति नहीं मिल पा रही हैं। एसीपी की पूर्व की व्यवस्था को भी बदल कर रख दिया गया है। इससे पदोन्नति के मौके और अधिक कम कर दिए गए हैं। कर्मचारियां को सातवें वेतनमान के तय वेतन भत्तों का भी लाभ नहीं दिया जा रहा है। आउटसोर्स, दैनिक वेतन कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है।
सभी कर्मचारियों को नियमितिकरण का लाभ देना करे सुनिश्चित
कर्मचारियों से हैंड रसीद पर काम कराया जा रहा है। सरकार तत्काल इन सभी कर्मचारियों को नियमितिकरण का लाभ देना सुनिश्चित करे। विरोध जताने वालों में इंसारुल हक, प्रहलाद सिंह, रवि पचैरी, रामचंद्र रतूड़ी, प्रदीप कोहली, नंदकिशोर, अरुण पांडे, गोविंद सिंह नेगी, ओमवीर सिंह, जीएन कोठियाल, एमसी गुप्ता, अनिल मिश्रा, केएस नेगी, बीडी चमोली, राकेश शर्मा, विनोद कवि, नत्थू सिंह रवि, प्रदीप कंसल, अरविंद बहुगुणा, रविंद्र सैनी, भोपाल सिंह, सीपी सुयाल, शक्ति प्रसाद भट्ट, दीपक पुरोहित, भावेश जगूड़ी, कमल किशोर त्रिपाठी, पूरन बिष्ट, हरदेव रावत, कमलापति सनवाल, नरदेव उनियाल आदि मौजूद रहे।