पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा की केंद्र व प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। यहां तिलक भवन में मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र कठिन दौर से गुजर रहा है। केंद्र की भाजपा सरकार लोकतांत्रिक व संवैधानिक संस्थाओं के अधिकारों का हनन कर रही है। इन संस्थाओं की स्वायत्तता समाप्त करने की कोशिश की जा रही है।
यहां तक कि लोकसभा व राज्यसभा भी खतरे में है। देश के इतिहास में पहली बार विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पारित करने की इजाजत नहीं दी गई। जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार के सहयोगी दलों ने ही संसद चलने नहीं दी। विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव के जरिए जनता के गुस्से को संसद में रखना चाहते थे। कहा कि 29 अप्रैल को कांग्रेस दिल्ली में ऐतिहासिक रैली के माध्यम से लोकतंत्र बचाओ मुहिम की शुरुआत करेगी।
पूर्व सीएम ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि साजिश के तहत बैंकिंग प्रणाली को संकट में डाल दिया गया है। एटीएम व बैंकों में करेंसी की कमी कर दी गई है। जबकि देश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार हुआ है और अब अमेरिका के साथ किए जा रहे रक्षा सौदे में भी भ्रष्टाचार की बू आने लगी है। देश में साजिश के तहत सांप्रदायिक तनाव पैदा किया जा रहा है, जिससे सनातन धर्म का मूल व सोच ही खतरे में पड़ गई है। प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यहां भी संवैधानिक संकट पैदा हो गया है।
चुनाव टालने की कोशिश में लगी है प्रदेश सरकार
निकाय चुनावों को लेकर इतिहास में पहली बार चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में दस्तक दी है। बावजूद इसके प्रदेश सरकार चुनाव टालने की कोशिश में लगी हुई है। कहा कि जिस भी मंत्री की लापरवाही से निकाय चुनाव पर संकट मंडराया है, उसे मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया जाना चाहिए, वरना कुछ दिन बाद भाजपा वाले ही मुख्यमंत्री को बाहर करने की मांग करने लगेंगे। आबकारी नीति पर सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार चुनिंदा कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए ई-टेंडरिंग कर रही है। शराब माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार ने कई एनएच को राज्य मार्ग घोषित कर दिया है।