सरकार को यूपीए से विरासत में मिला है मुकदमों का बोझ: रविशंकर प्रसाद

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुकदमों के बोझ और न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सवालों का कड़ा जवाब दिया है। रविशंकर ने कहा कि उनकी सरकार को यूपीए से मुकदमों का बोझ विरासत में मिला है क्योंकि न्यायिक विकास और ढांचागत संसाधन जुटाना यूपीए की प्राथमिकताओं में नहीं था। मोदी सरकार ने ढांचागत संसाधन बढ़ाया और प्रक्रिया का डिजिटलीकरण कर मुकदमों के निस्तारण की दर बढ़ाई है इतना ही नहीं हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के पदों में आठ गुना की वृद्धि हुई है।

राहुल गांधी ने ट्वीटर के जरिये आंकड़े देते हुए एनडीए सरकार पर मुकदमों के बोझ और न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए थे। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी ट्वीटर पर आंकड़े जारी करते हुए राहुल गांधी को जवाब दिया है।

एनडीए के कार्यकाल में हुई आठ गुना की वृद्धि

कानून मंत्री ने कहा है कि वर्ष 2016 में 126 हाईकोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई। जो कि आजादी से लेकर आजतक एक साल में हुई नियुक्तियों में सबसे अधिक है। कहा है कि एनडीए सरकार ने 2014 से लेकर अभी तक 17 सुप्रीम कोर्ट जज और 326 हाईकोर्ट जज नियुक्त किये। इसके अलावा हाईकोर्ट के 304 एडीशनल जजों को स्थाई किया गया। प्रसाद ने कहा कि एनडीए सरकार ने हाईकोर्ट जजों के 173 नये पद सृजित किये जबकि यूपीए2 के कार्यकाल में ऐसे सिर्फ 20 पद सृजित किये गये थे। यानि एनडीए के कार्यकाल मे इसमें आठ गुना की वृद्धि हुई।

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