सरकार ने जंगलों की आग से निपटने में नहीं उठाए कारगर कदम : हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किसानों की 2022 में आय दुगना करने के सरकार के दावे को आधार बनाते हुए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री पर एकसाथ तंज कसा। उन्होंने पहाड़ में खेती चैपट होने का हवाला देते हुए कहा कि मोदी के बाद गप्पी कौन प्रतियोगिता में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र भी शामिल हो गए हैं।
नैनीताल क्लब में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने हरिद्वार में अलकनंदा होटल उत्तराखंड के हिस्से में देने पर उत्तर प्रदेश को सौ कमरों के होटल के लिए गंगा किनारे जमीन मुहैया करने गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने परिसम्मतियों बंटवारे के इस फार्मूले को अव्यहारिक व राज्य हितों के विपरित बताया।
थराली उपचुनाव में किया जीत का दावा
थराली उपचुनाव में जीत का दावा करते हुए हरीश रावत ने कहा कि पहली बार कांग्रेस में चुनाव में इतनी अधिक मेहनत की, जिसका फल जरूर मिलेगा। साथ ही सरकार पर जंगलों की आग से निपटने में कारगर कदम न उठाने तथा आंधी तूफान से प्रभावित किसानों की मदद ना करने का आरोप लगाया।
कहा कि राज्य सरकार अब तक नुकसान का सर्वे तक नहीं करा सकी है। सरकार ने दावानल पर काबू करने को उनके द्वारा तैयार 21 सूत्रीय कार्यक्रम को ठंडे बस्ते में डाल दिया। संविदा कर्मियों के नियमितीकरण को लेकर हाईकोर्ट द्वारा रद आदेश के लिए सरकार की अधुरी तैयारी व कोर्ट में सही तथ्य ना रखने को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने आरोप लगाया सरकार जानबूझकर कोर्ट के समक्ष तथ्य नहीं रख रही है। रावत ने चुटकी ली कि मोदिरूपी कृष्ण एक दिन फूंक मारकर किसानों को लखपति बना देगी। इस मौके पर पूर्व विधायक सरिता आर्य, आदि मौजूद थे।