सुशासन और जीरो टालरेंस आन करप्शन सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री | Nation One
देहरादूनः मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम कर रही है. इसमें 4 वानर रेस्क्यू सेक्टरों की स्थापना, 125 किमी जंगली सूअर रोधी दीवार, 50 किमी सोलर फेंसिंग, 13 किमी हाथी रोधी दीवार, 250 किमी हाथी रोधी खाइयों का निर्माण शामिल है.
महिला पौधालयों की स्थापना पर भी काम किया जा रहा है जिसमें लगभग 20 हजार महिलाओं को रोजगार सम्भावित है. एक वैश्विक स्तर का साइंस कालेज और प्रदेश के 5 हजार स्कूलों में हिमालय इको क्लबों की स्थापना की कार्ययोजना भी बनाई गई है.
सात लाख से अधिक को दिया रोजगार
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल पर वर्चुअल प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि अप्रैल 2017 से सितम्बर 2020 तक विभिन्न विभागों के अंतर्गत कुल 7 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया.
इनमें से नियमित रोजगार लगभग 16 हजार, आउटसोर्स/अनुबंधात्मक रोजगार लगभग 1 लाख 15 हजार और स्वयं उद्यमिता/प्राईवेट निवेश से प्रदान/निर्माणाधीन परियोजनाओं से रोजगार लगभग 5 लाख 80 हजार है.
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से वर्ष 2014 से 2017 तक कुल 08 परीक्षाएं आयेाजित की गईं. इनमें 801 पदों पर चयन पूर्ण किया गया जबकि, वर्ष 2017 से 2020 तक कुल 59 परीक्षाएं आयोजित की गईं, इनमें 6000 पदों पर चयन पूर्ण किया गया.
वर्तमान में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 7200 पदों पर अधियाचन/भर्ती प्रक्रिया गतिमान है. इसी प्रकार मनरेगा में हरसाल छह लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है. आगामी तीन माह में कैम्पा के अंतर्गत 40 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना है.
गैरसैंण, उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी
गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया, इसकी विधिवत अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. अब गैरसैंण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना बनाई जा रही है.
भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है. इसमें तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि सरकार की कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है.इन्वेस्टर्स समिट के बाद पहले चरण में 25 हजार करोड़ रूपए से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है. अगले डेढ़ वर्ष में इसे 40 हजार करोड़ तक करने का लक्ष्य रखा गया है.
रिवर्स पलायन पर सुनियोजित प्रयास
पर्वतीय राज्य की अवधारणा से बने उत्तराखण्ड में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है. एमएसएमई के केंद्र में पर्वतीय क्षेत्रों को रखा गया है. सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं.
100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी भी दी जा चुकी है. बहुत से ग्रोथ सेंटर शुरू भी हो चुके हैं. हर गांव में बिजली पहुंचाई गई है. किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है
विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि, पिछले लगभग साढ़े तीन वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारत नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल है.
राज्य को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया. स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड को सात पुरस्कार मिले हैं. ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया.
उत्तराखंड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दूसरी बार कृषि कर्मण प्रशंसा पुरस्कार दिया गया.जैविक इंडिया अवार्ड 2018 के साथ ही मनरेगा में देशभर में सर्वाधिक 16 राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को मिले.
मातृत्व मृत्यु दर में सर्वाधिक कमी के लिए उत्तराखण्ड को भारत सरकार से पुरस्कृत किया गया है. अंत में उन्होंने कहा कि, सभी के सहयोग से कोविड-19 से लड़ाई लड़ी जा रही है.