पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड से रहा है गहरा नाता…

अटल बिहारी वाजपेयी

देहरादून : ठन गई! मौत से ठन गई! जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था… अटल बिहारी वाजपेयी की ये पंक्तियां आज बरबस ही याद आ रही हैं। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी बेहद गंभीर स्थिति में दिल्ली एम्स में जूझ रहे हैं। एम्स प्रशासन की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन ने सभी को चिंता में डाल दिया है। उनकी स्थिति तीन चार दिनों में ज्यादा बिगड़ गई है। उन्‍हें लाइफ सपोर्ट सिस्‍टम पर रखा गया है।

अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड से गहरा नाता…

राजनीति के पुरोधा अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड के साथ गहरा लगाव रहा है। उत्तराखंड के गठन में निर्णायक भूमिका निभाने वाली वाजपेयी सरकार ने नवोदित पहाड़ी राज्य को न सिर्फ विशेष राज्य का दर्जा दिया, बल्कि औद्योगिक विकास को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए औद्योगिक पैकेज की सौगात भी दी थी।

अटल बिहारी वाजपेयी ऐसा नेता हैं जिनकी तारीफ पक्ष ही नहीं…

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को यह हिल स्टेशन बेहद पंसद था। शांति और सुकून की तलाश में वह साल में दो बार यहां आते थे। अटल बिहारी वाजपेयी ऐसा नेता हैं जिनकी तारीफ पक्ष ही नहीं उनके राजनीतिक विरोधी भी करते हैं। आज जब वह गंभीर हालत में एम्स में भर्ती हैं तो पूरे देश में शोक की लहर है।

उत्तराखंड

देहरादून में अटल बिहारी वाजपेयी मित्तल परिवार के…

अटल बिहारी वाजपेयी को मसूरी की शांत वादियों से बेहद लगाव था। साल में कम से कम दो बार वे मसूरी जरूर आते थे। वहीं पैतृक आवास पर रुकते थे। बता दें कि स्वर्गीय नरेंद्र स्वरूप मित्तल मूलरूप से जनसंघ से जुड़े थे। इनसे अटल बिहारी के पारिवारिक रिश्ते थे।

बीजेपी नेता पुनीत मित्तल ने बताया कि…

मित्तल परिवार के सदस्य आज भी अटल बिहारी वाजपेयी की यादें संजाये हुए है। बीजेपी नेता पुनीत मित्तल ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी उनके विवाह समारोह में पहुंचे और खुद पुनीत का हाथ पकड़ते हुए विवाह पंडाल की ओर लेकर गए। पुनीत बताते हैं कि करीब 3 से 4 घंटे विवाह समारोह में रहने के बाद खुद वे पुनीत के पास आकर ये कहकर जाने की अनुमति लेने पहुंचे कि आज दूल्हे राजा से इजाजत लेनी जरूरी है।

स्वाभाव से जितने सरल थे, व्यवहार में भी…

पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी स्वाभाव से जितने सरल थे, व्यवहार में भी उतने ही कुशल है। एक कार्यकर्ता से लेकर आम व्यक्ति तक वे बड़े ही सहज अंदाज में मिलते। अटल बिहारी वाजपेयी एक विशाल ‌‌वयक्तित्व के नेता रहे हैं, जो हमेशा की कार्यकर्ताओं और पार्टी के लिए समर्पण के भाव से कार्य करते रहे और यही वजह है कि वे एक महान   लीडर के रूप में भी पहचान रखते हैं।