उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे की पेशवाई में सम्मिलित हुए, जहां उन्होंने पहले पेशवाई मार्ग पर संतों के आने से पहले झाड़ू लगाई। जिसके बाद न केवल उन्होंने गढ़वाल का प्रसिद्ध वाद्य यंत्र दमाऊ बजाया बल्कि पहाड़ के लोकगीतों पर जमकर थिरके।
श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे की पेशवाई का स्वागत करने हरीश रावत कनखल पहुंचे। इस दौरान शिवडेल स्कूल के पास कांग्रेस द्वारा स्वागत कार्यक्रम में उन्होंने भाग लिया। जिस मार्ग से पेशवाई आ रही थी रावत ने संतों के सम्मान में उस मार्ग पर कांग्रेसियों के साथ झाड़ू लगाई। पेशवाई में शामिल संतों को फूल माला पहनाकर स्वागत किया। पेशवाई की शोभा बढ़ा रहे गढ़वाली वाद्य यंत्र दमाऊ को गले मे डाल बजाया जिसके बाद गढ़वाली लोक गीतों की धुन पर वे जमकर थिरके।
पेशवाई में शामिल एक सन्यासी द्वारा रावत को चिलम भरकर दी गेई, जिसे रावत ने माथे से लगाकर स्वीकार तो किया लेकिन दम नहीं लगाया। पेशवाई में पहली बार पहाड़ के लोक संगीत के साथ प्रचलित वाद्य यंत्र भी देखने को मिले जिसपर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने आप को थिरकने से नही रोक पाए और यह नजारा अलग ही बन गया।