वन आरक्षियों ने वापस लिया आंदोलन, लौटे काम पर
गुरुवार की देर सांय पिथौरागढ़ में दो सूत्रीय मांगों को लेकर विगत दो दिनों से कार्य बहिष्कार कर रहे वन आरक्षियों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। वन आरक्षी/वन बीट अधिकारी संघ की जनपद शाखा के अध्यक्ष कैलाश चंद्र व कैलाश सिंह ने कहा कि शासन से वार्ता के क्रम में अग्नि काल को देखते हुए केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा आंदोलन को 14 अप्रैल तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
यदि इस अवधि में उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो 15 अप्रैल से संगठन फिर से आंदोलन शुरू कर देंगे। इससे पहले वन रक्षक दो सूत्रीय मांगों को लेकर तीसरे दिन भी कार्य बहिष्कार में डटे रहे। कर्मचारियों ने प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया। वन आरक्षीध्वन बीट अधिकारी संघ के बैनर तले धरने पर बैठे वन रक्षकों ने कहा कि वन दरोगा के 33 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती और वन आरक्षी से वन दरोगा के पद पर पदोन्नति हेतु 10 वर्ष की बाध्यता को समाप्त करने के फैसले कर्मचारी विरोधी हैं और इन्हें किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जनहित में काम पर लौट रहें है लेकिन जारी रहेगा विरोध
वन आरक्षी संघ के अध्यक्ष कैलाश चंद ने कहा कि जनहित में हम काम पर लौट रहें है लेकिन हमारा विरोध जारी रहेगा। धरना प्रदर्शन करने वालों में वनवीट अधिकारी संघ के कैलाश सिंह, हेम चंद्र जोशी, जगदीश बिष्ट, ललित पंत, सुरेश चंद्र पांडेय, रमेश सिंह, ज्योति वर्मा, ज्योति उपाध्याय, आशा विश्वकर्मा, भावना धामी, नंदा बल्लभ जोशी, नवीन जोशी, लक्ष्मण सिंह, चंद्र सिंह आदि शामिल रहे।