अमेठी में स्वच्छ भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां, पढ़ें पूरी खबर | Nation One

रिपोर्ट : अशोक श्रीवास्तव

खबर यूपी के अमेठी से है जहां प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे भारत स्वच्छ मिशन की धज्जियां मुसाफिरखाना तहसील के कुछ गांव में आज भी उड़ाई जा रही है। बेशक सूबे में विकास की गंगा बही है, गांवों का सर्वांगीण विकास हुआ है लेकिन गांव में स्वच्छता अभियान किस कदर से चलाया गया वो देखने लायक है। यहां न तो स्वच्छ भारत की तस्वीर दिखती है और न ही स्वच्छता के दावे।

ग्राम प्रधानों के कार्यकाल बीतने को बीतने में अब कुछ जी दिन बचे हैं। स्वच्छता अभियान में सरकार ने अरबों रुपया पानी की तरह से बहाया लेकिन विभागीय बंदरबांट के चलते सरकारी धन कर्मी व अधिकारी मिलकर लूट ले गए। यहां गौर करने वाली बात यह भी रही कि किसी भी जनप्रतिनिधि की नजर यहां नहीं पड़ी।

इस स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहा है करपिया गांव जहां के निवासी हतप्रभ है। करपिया के ग्रामीण सुजीत कुमार शर्मा, मो. साकिब, आनन्द कुमार, अमरनाथ आदि ने बताया कि सालिकराम गुप्ता के घर से लेकर जलील के घर तक नाली मिट्टी और कीचड़ से भर जाने के कारण जल निकासी अवरुद्ध है, इससे गंदा पानी रास्ते पर बह रहा है। जिससे आवागमन करने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

आवागमन के लिए लोगों को दूसरे रास्ते का सहारा लेना पड़ रहा है। पानी से बदबू आने से लोगों को संक्रामक बीमारियों का भय सता रहा है v कई लोग बीमार भी पड़ चुके हैं जो काफी महंगे इलाज के बाद स्वस्थ हुए हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि रास्ते पर पानी बहने को लेकर कई बार जिम्मेदारों को अवगत कराया गया लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला, नाली के गन्दे पानी से निजात नहीं। ग्रामीणों ने ये भी आरोप लगाया कि पूरे गंगाराम मिश्र करपिया में बनाई गई नाली निष्प्रयोज्य साबित हो रही है। नाली का मुहाना नहर की ओर नहीं खुलता और इसमें धन के बंदरबाट की आशंका जताई है।

इसी ब्लॉक अंतर्गत गांव पूरे मधई तिवारी गाँव में दादरा-लालगंज रोड पर बनी नाली क्षतिग्रस्त होने के कारण नाली के गंदे पानी का जमाव और पसर रहा है। जो केंद्र एवं प्रदेश सरकार की बहु प्रचारित योजना स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है। अब यह अभियान कब परवान चढ़े गा ऊपर वाला ही जाने।