चलती कार में लगी आग, मां-बेटा जिंदा जले

रविवार रात नोएडा मंे रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र में एक चलती कार में आग लगने से मां-बेटे की संदिग्ध हालात में जलकर मौत हो गई, जबकि कार चला रहा महिला का ससुर बच गया। इस मामले में महिला के परिजनों ने दहेज की मांग को लेकर महिला और उसके बेटे की साजिश के तहत हत्या करने का आरोप लगाया है। परिजनों ने रबूपुरा कोतवाली में लिखित शिकायत दी है।

मथुरा के थाना सुरीर गांव ढोकला बास निवासी कमल सिंह ने रबूपुरा पुलिस से शिकायत की है कि छह साल पहले उसने बेटी सरोज की शादी फरीदाबाद की डबुआ कॉलोनी निवासी मदनपाल के बेटे बंटी के साथ की थी। शादी में उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक दान दहेज दिया था, लेकिन इसके बावजूद सरोज का पति व ससुराल के लोग दहेज की मांग को लेकर उसे परेशान करते थे। ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे घर से निकाल दिया था, जिसके चलते वह मायके में रहने लगी थी।

करीब दो साल तक सरोज मायके गांव ढोकला बास, मथुरा में रही। इस दौरान उसने एक पुत्र को जन्म दिया जोकि जन्म से ही अपंग था। करीब एक माह पहले ससुर मदनपाल कुछ अन्य लोगों के साथ सरोज के मायके पहुंचा और पंचायत में उसे आगे परेशान न करने की बात कहकर अपने साथ फरीदाबाद ले गया।

ट्रैक्टर दिलाने की मांग कर रहा था पति

आरोप है कि पति बंटी, ससुर मदनपाल और उसकी सास ने साजिश के तहत रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र में कार में आग लगाकर सरोज और उसके 14 माह के बेटे को जलाकर मार दिया। महिला सरोज के भाई बाबू ने आरोप लगाया कि उसकी बहन व भांजे की साजिश के तहत हत्या की गई है। बाबू के मुताबिक बंटी कुछ दिनों से वह ट्रैक्टर दिलाने की मांग कर रहा था। उन्होंने मना कर दिया तो इस वारदात को अंजाम दे दिया।

उधर, हत्यारोपी ससुर मदनपाल ने दोनों की मौत हादसे में होने का दावा किया है। मदनपाल ने बताया कि अपंग पौत्र का बुलंदशहर से देशी इलाज चल रहा था। रविवार को वह उसे पुत्रवधु के साथ दवाई दिलाकर कार से वापस घर लौट रहा था। इसी दौरान रबूपुरा के पास कार में अचानक आग लग गई। खिड़की का शीशा तोड़कर वह खुद तो किसी तरह जलती कार से बाहर आ गया, लेकिन काफी कोशिशों के बावजूद पोते और पुत्रवधु को नहीं बचा सका।

पुलिस कार की फारेंसिक जांच करवाएगी, जिससे यह पता चला सकेगा कि कार में आग लगी थी या बाहर से लगाई गई थी, जिसके लिए पुलिस ने फारेंसिक टीम बुलाई। टीम के विशेषज्ञ कार की जांच करके सैंपल लेंगे। जिन्हें लैब भेजा जाएगा। प्रथम दृष्टया जांच में कार में आग लगने या लगाई जाने की स्थिति का पता चल जाता है, जिसके बाद स्थित स्पष्ट हो सकेगी।

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