300 वर्ष पूर्व प्राचीन समाधि पर मेला
यूपी के जनपद हापुड़ में 300 वर्ष पुरानी श्री दरगाह बाबा की प्राचीन समाधि पर सच्चे मन से प्रार्थना करने पर भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। कई राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड से पहुँचने वाले श्रद्धालु समाधि पर चादर और गुड़ चढ़ाकर अपनी मनोकामना मांगते हैं।
बताया जाता है कि जिस परिवार में बच्चे की प्राप्ति नही होती है वो लोग इस 300 वर्ष पुरानी समाधि पर आकर पूजा-पाठ, चादर भेंट और सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं। वहीं 300 वर्ष प्राचीन समाधि पर हर वर्ष बसंत पंचमी पर मेले का आयोजन होता है।
बता दें कि सिम्भावली क्षेत्र के नेशनल हाइवे से करीब 7 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र के लिसड़ी गांव में श्री दरगाह बाबा की समाधि है समाधि और मंदिर की देखरेख करने वाले पुजारी स्वामी देवसरानन्द जी ने बताया की अब से करीब 300 वर्ष पहले उदासीन संत हुए हैं।
बाबा दुर्गादास उस समय के बहुत बड़े विद्वान तथा सिद्ध पुरुषों में उनकी गिनती थी। मान्यता ये है की उनका शरीर ना किसी ने दफनाया और ना ही किसी ने जलाया, वे बैठे बैठे अलोप हो गए। तभी से ये मान्यता है कि ये बाबा जिनकी समाधि है सिद्ध बाबा हैं, चेतन समाधि है और ये कभी भी प्रकट हो सकते हैं।
हापुड़ से रजन त्यागी की रिपोर्ट