भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली का विस्तार देश के ग्रामीण और समाज के उपेक्षित वर्गो तक : राष्ट्रपति | Nation One

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविन्‍द ने कहा है कि भारत की उच्‍च शिक्षा प्रणाली का विस्‍तार देश के ग्रामीण क्षेत्रों और समाज के उपेक्षित वर्गों तक किया गया है। आज वेल्‍लोर में तिरुवल्‍लुवर विश्‍वविद्यालय के 16वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरी सबसे बड़ी शिक्षा  प्रणाली वाला देश बन गया है, लेकिन उसे और भी नयी ऊंचाइयों को छूने के प्रयास करने चाहिए।

महान संत कवि तिरुवल्‍लुवर की कृतियों की प्रशंसा करते हुए उन्‍होंने कहा कि हमें उनके उपदेशों का पालन करना चाहिए। 1806 के वेल्‍लोर सिपाही विद्रोह का स्‍मरण करते हुए उन्‍होंने कहा कि इससे हमारे स्‍वतंत्रता आंदोलन सूत्रपात हुआ। राष्‍ट्रपति ने  कहा कि विद्यार्थियों, खास तौर पर आर्थिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछडे क्षेत्रों के विद्यार्थियों को उच्‍च गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना एक महान कार्य है।

राष्‍ट्रपति ने प्रचीन काल में बने कल्‍लनइ बांध को इंजीनियरी का बेजोड नमूना बताया और महान वैज्ञानिक एस. रामानुजन, नोबेल पुरस्‍कार विजेता चंद्रशेशखर वेंकटरामन और एस. चंद्रशेखर, देश के एकमात्र गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और पूर्व राष्‍ट्रपति आर. वेंकेटरामन तथा डॉक्‍टर ए.पी.जे. अब्‍दुल कलाम को भारत का महान सपूत बताया। 

राष्‍ट्रपति ने कहा कि विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थियों में से 65 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्‍होंने कहा कि जब देश की महिलाएं शिक्षित होंगी तो इससे उनका खुद का भविष्‍य तो सुरक्षित होगा ही, समूचे देश के भविष्‍य की भी सुरक्षा हो सकेगी।

राष्‍ट्रपति का तीन दिन की अपनी यात्रा के दौरान वेल्‍लोर में श्रीकुलम के स्‍वर्ण मंदिर के दौरे का भी कार्यक्रम है। वहां से वे चेन्‍न्‍ई लौटेंगे और राजभवन में ठहरेंगे। राष्‍ट्रपति कल अन्‍ना विश्‍वविद्यालय के 41वें दीक्षांत समारोह में हिस्‍सा लेने के बाद  दिल्‍ली रवाना होंगे।