
अब दून की सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी इको फ्रेंडली बसें…
देहरादून : उत्तराखंड़ मे पर्यटन को बढावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है इसी को देखते हुए मसूरी और नैनीताल में सरकार ने 50 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की कसरत तेज कर दी हैं। उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) की ओर से संचालित होने वाली इन बसों में ट्रायल के लिए एक बस आज दून पहुंच गई है। बताया जा रहा कि गुरुवार से इस बस का मसूरी मार्ग पर ट्रायल किया जाएगा।
आपको बता दें कि सरकार ने 25 बसें देहरादून से मसूरी और बाकी 25 हल्द्वानी-नैनीताल के बीच चलाने का फैसला लिया था। पर्यावरण के लिहाज से भी ये बसें कारगर साबित हो सकती हैं। बीती एक अगस्त को मुख्य सचिव उत्पल कुमार की अध्यक्षता में परिवहन सुविधाओं में बढ़ोत्तरी को लेकर हुई बैठक में सूबे में रोडवेज के जरिए इलेक्ट्रिक बसें चलाने पर सहमति बनी थी। इसी के तहत रोडवेज की ओर से निजी कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए थे। इनमें तमिलनाडू की एक कंपनी ने एक करोड़ की कीमत की एक बस ट्रायल करने के लिए दून भेज दी है। पर्वतीय मार्गों को देखते हुए बस 166 व्हीलबेस की है। यह बस रोडवेज कार्यशाला में पहुंची तो इसके साथ इंजीनियर ने इसके संचालन के बारे में चालकों और परिचालकों को जानकारी दी। इस बारे में रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि इलेक्ट्रिक बस की बैटरी आदि आज को चेक की जा रही है। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि बस पर्वतीय मार्ग पर लोड ले रही या नहीं।
ये है बस की खासियत
यह बस ईको फ्रेंडली है, जो ध्वनि और वायु प्रदूषण नहीं करती है। कंपनी का दावा है कि बस में इंजन नहीं है। इसमें मोटर इलेक्ट्रिक ऊर्जा को मैकेनिकल ऊर्जा में बदलती है। 32 सीटर बस एक बार चार्ज होने पर दो से ढाई सौ किमी चलती है। इस बस की अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रतिघंटा है।
इन रूटों पर चलेगी बस
इलेक्ट्रिक बस का पहाड़ी और मैदानी दोनों रूट पर रोडवेज ट्रायल लेगा। इस बस को देहरादून-मसूरी, देहरादून से ऋषिकेश और देहरादून-हरिद्वार रूट पर चलाया जाएगा। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो पीपीपी मोड पर 50 बसें चलाने के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी।