समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातर हर मुद्दें को लेकर बीजेपी को घेरती नजर आती है। वहीं इस बार भी अखिलेश यादव ने बीजेपी को घेरते हुए लिखित बयान जारी किया है। उन्होने कहा कि बीजेपी की जनविरोधी आर्थिक नीतियों के चलते जनता गम्भीर संकटों में घिर गई है।
मंहगाई की मार ने लोगों की कमर तोड़ दी है। जनता की आय बढ़ी नहीं, रोजगार के अवसर सृजित नहीं हुए और बाजार अभी तक मंदी से उबर नहीं पाया हैं। समाज का हर वर्ग परेशान है। भविष्य की तमाम आशंकाओं से घिरा वह यही सोचता है कि जल्दी चुनाव हो और वह भाजपा के जुए को उतार फेंके।
अखिलेश यादव ने कहा कि होली का त्योहार सिर पर है। मगर मंहगाई ने लोगों का उत्साह फीका कर दिया है। खाद्य तेल, घी, मेवा सब कुछ आम जनता की खरीद से बाहर है। कहते हैं दिसम्बर से अब तक लगभग हर चीज 25 फीसदी मंहगी बिकने लगी है।
बाजार में जो खाद्य पदार्थ बिक रहे हैं, उनमें भी भारी मिलावट होने से जहर खाकर लोग बीमारी के शिकार होंगे। भाजपा की सरकार को इससे कुछ लेना देना नहीं, वह तो मुनाफाखोरों को लूट का अवसर देने को प्रतिबद्ध है। इसी को तो भाजपा आपदा में अवसर करार देती है।
“किसान तो भाजपा सरकार की आंख में बुरी तरह खटक रहा है। महीनों से किसान अपनी फसल की न्यायोचित कीमत एमएसपी दिलाने और तीनों काले कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहा है। भाजपा सरकार उनकी बात सुनने को ही तैयार नहीं है। ढाई सौ से ज्यादा किसान आंदोलन में अपनी बलि दे चुके हैं।
रिपोर्ट : अजय वीर सिंह, स्थानीय संपादक