चांपा क्षेत्र में संचालित बीएल होम चिकित्सालय जो चांपा के पुराने चिकित्सालयों में एक नामी चिकित्सालय के रूप में जाना जाता है। इस चिकित्सालय में शहरवासी सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब व असहाय मरीज इस मनाह स्थिति में आते हैं कि इस अस्पताल में उनका दर्द हर लिया जाएगा और उसे पहले की तरह स्वस्थ और दुरुस्त करके वापस भेजा जाएगा। परंतु बीते कुछ अरसे से इस चिकित्सालय में जो हो रहा है वह डॉक्टरी पेशे से मेल नहीं खा रहा है।
यहां आए हुए मरीज व परिजन आंसू बहा कर वापस जाने को विवश हैं क्योंकि यहां पदस्थ डॉक्टर दंपत्ति अपने घमंड और चिकित्सकीय पेशे को लेकर इतना एकाधिकार कायम कर बैठे हैं कि उन्हें अपना चिकित्सा धर्म भी याद नहीं है। यहां गरीब व असहाय मरीजों का बड़े रियायती दरों में इलाज करने का एक अलग ही नाम बना हुआ था। जिसके चलते चांपा वासी ही नहीं, आसपास के सैकड़ों ग्रामीण क्षेत्रों से गरीब व असहाय मरीज यहां इलाज के लिए आते रहे हैं।
लेकिन वर्तमान में बीते कुछ सालों से यहां पदस्थ डॉक्टर दंपतियों के द्वारा मरीज तथा परिजनों के साथ अभद्र तथा दोयम दर्जे का बर्ताव किया जा रहा है। जिसके चलते मरीज यहां इलाज के नाम पर आते तो हैं पर रोते बिलखते व परेशान होकर वापस जाने को विवश हो रहे हैं। यहां पदस्थ डॉक्टर दंपति का गुरूर तथा घमंड सातवें आसमान में चढ़ा हुआ बताया जा रहा है। डॉक्टर दंपति के द्वारा मरीजों से अभद्र व्यवहार करने की बातें लगातार देखने सुनने को मिल रही थी।
जांजगीर चांपा, छत्तीसगढ़ से दीपक यादव की रिपोर्ट