
दूरस्थ अंचलों में भी चिकित्सक समर्पण भाव से कर रहे हैं मानव सेवा: भूपेश बघेल
रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य है। बस्तर के सुदूरवर्ती एवं दुर्गम क्षेत्र चिंतागुफा, चिंतलनार के साथ-साथ दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे अंदरूनी इलाकों में कठिन परिस्थितियों में भी हमारे चिकित्सक पूरे समर्पण के साथ मानव सेवा कर रहे हैं। डॉक्टरों की सेवाएं अमूल्य हैं और ऐसे चिकित्सकों का कार्य बेहद प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री कल रात यहां अंग्रेजी दैनिक टाईम्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘आईकॉन्स ऑफ हेल्थ-2019’ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
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मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में राज्य के 36 चिकित्सकों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले चिकित्सकों में दंतेवाड़ा, कोण्डागांव जिले के मरदापाल, सुकमा जिले के चिंतागुफा, दंतेवाड़ा जिले के पोटाली कुआंकोण्डा में सेवाएं दे रहे चिकित्सक भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों के साथ दंतेवाड़ा क्षेत्र की एएनएम और मोंगाचुवा बालोद की स्टाफ नर्स को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लाईफटाइम एचिवमेंट अवार्ड से रायपुर के डी.के.एस. चिकित्सालय से सेवानिवृत्त चिकित्सक डॉ. एस. आर. गुप्ता को सम्मानित किया।
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अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश में संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन डॉक्टरों की कमी है। यह जरूरी है कि दुर्गम और कठिन क्षेत्रों में काम कर रहे चिकित्सकों को अच्छा वेतन देने के साथ जरूरी चिकित्सा उपकरणों और आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए। इसके लिए राज्य सरकार गंभीरतापूर्वक कार्य करेगी।