जिलाधिकारी दीपक रावत ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बस या निजी ऑपरेटर चारधाम यात्रियों से मनमाना किराया न वसूलें। साथ ही, उन्होंने यात्रियों की शिकायतों को गंभीरता से लेने की बात कही।
तीर्थयात्रियों का अनिवार्य रूप से हो पंजीकरण
जिलाधिकारी दीपक रावत ने ट्रैवल ट्रेड से संबंधित कारोबारियों से कहा कि उत्तराखंड पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय नियमावली 2014 के अंतर्गत प्रत्येक एजेंसी का पंजीकरण किया जाए। यात्रा काल एवं अन्य समय के लिए वाहनों के प्रकार, क्षमता के आधार पर किराया एकरूपता के साथ निर्धारित हो। चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों का अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराया जाए। इसके लिए जिला पर्यटन विकास अधिकारी को निर्देशित किया।
उन्होंने बताया कि चारधाम पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के पंजीकरण के लिए दो काउंटर रेलवे स्टेशन और एक उनके कार्यालय में निश्शुल्क प्रारंभ कर दिया गया है। जिलाधिकारी दीपक रावत ने कहा ट्रैवल एजेंसी का जीएसटी पंजीकरण, ग्रीन कार्ड अनिवार्य रूप से बना हो। यदि अधिक किराया वसूलने, बु¨कग एडवांस लेने के बाद भी वाहन नहीं दिया जाता है तो इसकी जांच कर कार्रवाई करने की बात कही।
पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे चारधाम यात्रा पर जाने वाले वाहन चालकों का पुलिस सत्यापन करा लें। होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला का व्यवसाय करने वालों को चेताया कि यदि होटल या धर्मशाला में ट्रेवल एजेंसी चल रही हो तो उसका पंजीकरण अवश्य कराएं। उन्होंने होटल और धर्मशालाओं में बिना आईडी कमरा नहीं, सीसीटीवी कैमरे चालू और होटल में काम करने वालों के पंजीकरण की बात कही। एआरटीओ को वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने व किराए आदि मनमाना न वसूला जाए इसका ध्यान रखने का निर्देश दिया।