जिलाधिकारी का गंगा में गंदे नाले को जाता देख चढ़ा पारा

हरकी पैड़ी और ऋषिकुल क्षेत्र में गंगा का स्थलीय निरीक्षण के दौरान गंगा में जाते एक गंदे नाले को लेकर जिलाधिकारी ने मौके पर ही फटकार मारी। तथा इसके लिए अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ ही हरिद्वार से स्थानांतरण के लिए शासन को पत्र लिखने की बात कही। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी अधिकारियों द्वारा गलत जानकारी दिए जाने पर भी खासे नाराज दिखे।

बुधवार को विभागीय टीम को साथ लेकर जिलाधिकारी दीपक रावत हरकी पैड़ी और ऋषिकुल क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। ऋषिकुल टंकी नंबर छह के पास बह रहे एक गंदे नाले का पानी सीधा गंग नहर में जाता देख जिलाधिकारी का पारा चढ़ गया। उन्होंने अधिकारियों से मामले में जानकारी मांगी तो पता चला कि 2016 में संबंधित नाले को टैप कर दिया गया था। इसका रखरखाव सीवर डिविजन जल संस्थान के पास था।

अधिकारियों ने की गैर जिम्मेदारना हरकत

मौके पर पाया गया कि नाले के पानी को पंपिंग स्टेशन के माध्यम से जगजीतपुर एसटीपी भेजने के लिए स्टेशन तो बनाया गया लेकिन स्टेशन को वर्किंग में नहीं रखा गया। जिसकी वजह से नाले की सप्लाई सीधा गंगा चैनल में हो रही थी। जिलाधिकारी ने इसे अधिकारियों की गैर जिम्मेदारना हरकत माना। और कहा कि हरिद्वार से बाहर स्थानांतरण के साथ ही शासन को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र लिखेंगे।

छापेमारी के दौरान नगर आयुक्त नगर निगम नितिन भदौरिया, सिटी मजिस्ट्रेट मनीष सिंह, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता नरेश पाल, गंगा प्रदूषण के अधिशासी अभियंता राजीव जैन, पेयजल निगम एई आरएस गुप्ताए जल संस्थान के एई राजेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

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