चीन जैसा अनुशासन संभव नहीं, हर 6 महीने में आएगी कोरोना की नई लहर : हाई कोर्ट | Nation One
गुजरात हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस की संभावित लहरों को लेकर चिंता जताई है। अदालत ने राज्य सरकार से कहा, इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचे का विकास करना चाहिए कि महामारी की तीसरी या चौथी लहर तक आ सकती है।
लोग मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंस बनाए रखना और स्वच्छता जैसे नियमों का पालन नहीं कर रहे, इस बात पर भी कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, भारत में चीन जैसा अनुशासन लागू नहीं हो सकता।
जस्टिस बेला त्रिवेदी और भार्गव डी करिया की खंडपीठ ने गुजरात सरकार से कहा कि कोरोना वायरस महामारी की किसी भी नई लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के ढांचे में सुधार करना होगा। गुजरात में कोविड-19 हालात और इससे संबंधित अन्य मुद्दों पर स्वतरू संज्ञान वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह टिप्पणी की।
अदालत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ सर्विसेज को लंबे समय के लिए बेहतर करने की आवश्यकता है, ना कि केवल महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए। पीठ ने कहा, महामारी की तीसरी और चौथी के बारे में क्या करें?
तीसरी लहर के बाद चौथी लहर आएगी क्योंकि राज्य के लोग मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन नहीं करने जा रहे। इस देश में कोई ऐसा नहीं करने वाला, इसलिए हर छह महीने में एक नई लहर आएगी।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कमल त्रिवेदी से कहा, श्इस समझ के साथ आपको खुद को तैयार करना होगा। जब त्रिवेदी ने महामारी के मद्देनजर भारत की तुलना यूरोपीय देशों से की तो अदालत ने कहा, भारत की तुलना केवल एक देश चीन से की जा सकती है जोकि बेमिसाल है।