पीएम मोदी और ओली के बीच फोन पर बातचीत के बाद आज राजनयिक वार्ता | Nation One
नेपाल द्वारा मई में नया राजनीतिक नक्शा जारी किए जाने के बाद भारत और नेपाल के बीच तनाव जारी है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज भारत और नेपाल के बीच अहम बैठक शुरू हो गई है। काठमांडु में नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी और भारतीय राजनयिक विनय ख्वात्रा के बीच वार्ता हो रही है।
वैसे तो इस बैठक का फ्रेमवर्क पहले से तय है और इसका भारत-नेपाल के बीच किसी विवाद से लेना-देना नहीं है, लेकिन मौजूदा माहौल में इसकी अहमियत बढ़ गई है। इससे पहले शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था।
बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली बातचीत कूटनीतिक हिसाब से काफी मायने रखते हैं। दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई यह बातचीत इसलिए अहम है क्योंकि नेपाल द्वारा नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय इलाकों को शामिल किए जाने की वजह से पैदा हुए तनाव के बाद पहली बार सर्वोच्च स्तर पर बातचीत हुई है। पड़ोसी देश में भारत कई तरह के विकास कार्यों में सहयोग कर रहा है और दोनों देशों के बीच सदियों से बेहद दोस्ताना रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में केपी शर्मा ओली की सरकार ने भारत के साथ तनाव बढ़ाने वाले कदम उठाए और बयानबाजी से आग में घी डालने का काम किया है।
दरअसल, महीनों तक चीन के इशारे पर भारत के साथ तल्खी बढ़ाने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने दोनों नेताओं में बीतचीत की जानकारी देते हुए कहा था कि पीएम मोदी को नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने फोन किया था। पीएम ओली ने सरकार और देश के लोगों को 74वें स्वतंत्रता दिवस और हाल ही में भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य चुने जाने को लेकर बधाई दी।
वहीं नेपाल की ओली सरकार ने मई में देश का नया राजनीतिक नक्शा पास किया, जिसमें भारतीय इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को शामिल किया गया। भारत ने इसका विरोध किया और इस नक्शे को खारिज करते हुए कहा था कि यह नक्शा ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है। लेकिन जैसे समीकरण पिछले कुछ समय से बन रहे हैं, उनकी वजह से हालात और मुश्किल हो गए हैं। इससे पहले विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यवाली ने एक इंटरव्यू में कहा था कि नेपाल और भारत के बीच जो भी सीमा विवाद हैं वो सिर्फ बातचीत के जरिए ही सुलझ सकते हैं।