डिजिटल इंडिया भगवान भरोसे
देशभर में डिजिटल इंडिया की बात हो रही है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत में पुराने लेजरों और बही खातों की जगह कंप्यूटर ने ले ली है। जो इंटरनेट के जरिये सीधे मुख्य सर्वर से कनेक्ट है। वित्तीय प्रक्रियाओं को सुगम बनाने के लिए डिजिटल लेनदेन की सुविधाएं भी अब उपभोक्ताओं को मुहैया करवाई जा रही हैं। लेकिन सीमांत जनपद चमोली के थराली में फिलहाल डिजिटल इंडिया को पलीता लगता नजर आ रहा है।
हम बात कर रहे हैं थराली डाक विभाग की जहां पिछले कई दिनों से कनेक्टिविटी न होने की वजह से स्थानीय लोगों के डाकघर से जुड़े कार्य नही हो पा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि ये कोई पहली बार हुआ है कि डाकघर थराली में अधिकारियों को कनेक्टिविटी का रोना रोना पड़ रहा है। इससे पहले भी कई हफ़्तों यहां तक कि महीनों तक डाक विभाग कनेक्टिविटी न होने की वजह से अपने ग्राहकों को सेवाएं नहीं दे पाया है।
थराली डाकघर मे कनेक्टिविटी न होने की वजह से उपभोक्ताओं की न तो nsc जमा हो पा रही है और न ही इनका आहरण हो पा रहा है। भारत सरकार जहां इन डाकघरों को बैंक की तर्ज पर स्थापित करने की बात कर रही है, वहीं आये दिन कनेक्टिविटी न हो पाने की वजह से डाकघर के वित्तीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में ये कहना गलत भी नही होगा कि बिना कनेक्टिविटी के पहाड़ों में सरकार का ये सपना डिजिटल इंडिया को पलीता लगा रहा है।
थराली से गिरीश चंद्र की रिपोर्ट