धनतेरस स्पेशल: जाने आखिर क्यों विष्णु जी ने लक्ष्मी जी को दिया किसान की सेवा करने का श्राप
दिवाली लक्ष्मी जी के पूजन का त्योहार है। इस दिन धन-संपदा और शांति के लिए लक्ष्मी जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धनतेरस के दिन से ही दिवाली की शुरुआत हो जाती है।
कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाए जाना वाले इस त्यौहार को ‘धनवंतरि त्रयोदशी’ भी कहा जाता है। जिसमें सोने चांदी की कोई चीज या नए बर्तन खरीदने को अत्यंत शुभ माना जाता है। वहीं माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है।
धनतेरस की कहानी…
इस दिन को मनाने के पीछे धनवंतरी के जन्म लेने की कथा के अलावा, दूसरी कहानी भी प्रचलित है। कहा जाता है कि एक समय भगवान विष्णु मृत्युलोक में विचरण करने के लिए आ रहे थे तब लक्ष्मी जी ने भी उनसे साथ चलने का आग्रह किया। तब विष्णु जी ने कहा कि यदि मैं जो बात कहूं तुम अगर वैसा ही मानो तो फिर चलो। तब लक्ष्मी जी उनकी बात मान गईं और भगवान विष्णु के साथ भूमंडल पर आ गईं। कुछ देर बाद एक जगह पर पहुंचकर भगवान विष्णु ने लक्ष्मी जी से कहा कि जब तक मैं न आऊं तुम यहां ठहरो। मैं दक्षिण दिशा की ओर जा रहा हूं, तुम उधर मत आना। विष्णुजी के जाने पर लक्ष्मी के मन में कौतूहल जागा कि आखिर दक्षिण दिशा में ऐसा क्या रहस्य है जो मुझे मना किया गया है और भगवान स्वयं चले गए।
लक्ष्मी जी से रहा न गया और जैसे ही भगवान आगे बढ़े लक्ष्मी भी…
लक्ष्मी जी से रहा न गया और जैसे ही भगवान आगे बढ़े लक्ष्मी भी पीछे-पीछे चल पड़ीं। कुछ ही आगे जाने पर उन्हें सरसों का एक खेत दिखाई दिया जिसमें खूब फूल लगे थे। सरसों की शोभा देखकर वह मंत्रमुग्ध हो गईं और फूल तोड़कर अपना श्रृंगार करने के बाद आगे बढ़ीं। आगे जाने पर एक गन्ने के खेत से लक्ष्मी जी गन्ने तोड़कर रस चूसने लगीं। उसी क्षण विष्णु जी आए और यह देख लक्ष्मी जी पर नाराज होकर उन्हें शाप दे दिया कि मैंने तुम्हें इधर आने को मना किया था, पर तुम न मानी और किसान की चोरी का अपराध कर बैठी। अब तुम इस अपराध के जुर्म में इस किसान की 12 वर्ष तक सेवा करो। ऐसा कहकर भगवान उन्हें छोड़कर क्षीरसागर चले गए। तब लक्ष्मी जी उस गरीब किसान के घर रहने लगीं।
किसान के 12 वर्ष बड़े आनंद से कट गए और फिर…
एक दिन लक्ष्मीजी ने उस किसान की पत्नी से कहा कि तुम स्नान कर पहले मेरी बनाई गई इस देवी लक्ष्मी का पूजन करो, फिर रसोई बनाना, तब तुम जो मांगोगी मिलेगा। किसान की पत्नी ने ऐसा ही किया। पूजा के प्रभाव और लक्ष्मी की कृपा से किसान का घर दूसरे ही दिन से अन्न, धन, रत्न, स्वर्ण आदि से भर गया। लक्ष्मी ने किसान को धन-धान्य से पूर्ण कर दिया। किसान के 12 वर्ष बड़े आनंद से कट गए। फिर 12 वर्ष के बाद लक्ष्मीजी जाने के लिए तैयार हुईं।
रात्रि में घी का दीपक जलाकर रखना और सायंकाल…
विष्णुजी लक्ष्मीजी को लेने आए तो किसान ने उन्हें भेजने से इंकार कर दिया। तब भगवान ने किसान से कहा कि इन्हें कौन जाने देता है ,यह तो चंचला हैं, कहीं नहीं ठहरतीं। इनको बड़े-बड़े नहीं रोक सके। इनको मेरा शाप था इसलिए 12 वर्ष से तुम्हारी सेवा कर रही थीं। तुम्हारी 12 वर्ष सेवा का समय पूरा हो चुका है। किसान हठपूर्वक बोला कि नहीं अब मैं लक्ष्मीजी को नहीं जाने दूंगा। तब लक्ष्मीजी ने कहा कि हे किसान तुम मुझे रोकना चाहते हो तो जो मैं कहूं वैसा करो। कल तेरस है। तुम कल घर को लीप-पोतकर स्वच्छ करना। रात्रि में घी का दीपक जलाकर रखना और सायंकाल मेरा पूजन करना और एक तांबे के कलश में रुपए भरकर मेरे लिए रखना, मैं उस कलश में निवास करूंगी। किंतु पूजा के समय मैं तुम्हें दिखाई नहीं दूंगी।
उसका घर धन-धान्य से पूर्ण हो गया…
इस एक दिन की पूजा से वर्ष भर मैं तुम्हारे घर से नहीं जाऊंगी। यह कहकर वह दीपकों के प्रकाश के साथ दसों दिशाओं में फैल गईं। अगले दिन किसान ने लक्ष्मीजी के कथानुसार पूजन किया। उसका घर धन-धान्य से पूर्ण हो गया। इसी वजह से हर वर्ष तेरस के दिन लक्ष्मीजी की पूजा होने लगी।
क्यों इस दिन खरीदी जाती है सोने चांदी की चीज़ें और नए बर्तन….
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन भागवान धनवंतरी का जन्म हुआ था। जो सुमुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे। इस दौरान उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था, इसलिए इस दिन बर्तन आदि खरीदने की परंपरा है। विशेषकर पीतल और चाँदी के बर्तन खरीदना चाहिए, क्योंकि पीतल भगवान धनवंतरी का धातु है। वहीं इसके अलावा इस दिन माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है।
धनवंतरी के जन्म होने के दो दिन बाद देवी लक्ष्मी प्रकट हुई। इसलिए दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। वहीं धनतेरस पर खरीदारी के साथ दान करने का भी बहुत महत्तव है। माना जाता है कि इस दिन किया गया दान , कई गुना होकर वापस मिलता है। वहीं इस दिन से दीवाली की तैयारियां शुरु हो जाती है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन जिस वस्तु की खरीदारी की जाएगी उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है।
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