Dhanteras 2024: कब और क्यों मनाया जाता है धनतेरस?
सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। इस महीने कृष्ण पक्ष में कई प्रमुख व्रत-त्यौहार मनाए जाते हैं। वहीं, शुक्ल पक्ष में जगत के पालनहार भगवान विष्णु जागृत होते हैं इस दिन देव उठनी एकदशी मनाई जाती है। इसके अगले दिन तुलसी विवाह मनाया जाता है। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं तुलसी माता परिणय सूत्र में बंधे थे। इसके लिए कार्तिक महीने में भगवान विष्णु संग तुलसी माता की पूजा की जाती है। इसके साथ ही दीपोत्सव भी मनाया जाता है।
इस दौरान धनतेरस, दीवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज समेत कई प्रमुख व्रत-त्यौहार मनाए जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि धनतेरस कब अैर क्यों मनाया जाता है? आईऐ जानते हैं।
चिर काल में हुई थी इंद्र देव से गलती–
सनातन शास्त्रों में निहीत है की चिर काल में इंद्र देव की गलती की वजह से स्वर्ग लोक लक्ष्मी वीहिन हो गई उस समय दानवों ने सवर्ग पर आक्रमण कर अपना अधिकार जमा लिया तब भगवान विशणु ने देवताओ को समुंद्र मंथन की सलाह दी देवताओं ने असुरों की मदद से समुंद्र मंथन किया।
समुंद्र मंथन से 14 रत्नों की प्राप्ति हुई जिसमें विष, अप्सरा, रंभा, एरावत हाथी, कामधेनु गाय भी शामिल हैं इसके साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी जी की भी उत्तपत्ती हुई। वहीं आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंनतरी भी कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए पंचाग गणना के अनुसार कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष तिृयदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है।
भगवान धनवंतरी की विशेष पूजा अर्चना-
इस शुभ अवसर पर भगवान धनवंतरी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंनतरी भी कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए पंचाग गणना के अनुसार कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष तिृयदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है।
लोग बाजा़रों में जाकर नए बर्तन, सोना -चांदी व जिसकी जितनी क्षमता होती है उस हिसाब से वो खरीदारी करता है। बाजा़रों में काफी रौनक देखने को मिलती है। आपको बता दें कि धनतेरस वाले दिंन लोग अपने घर नई गाडियां भी खरीद कर लाते हैं।