Delhi Excise Policy : सबूत मिटाने के लिए सिसोदिया सहित कई लोगों ने बदले मोबाइल फोन : ED | Nation One
Delhi Excise Policy : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच खत्म की गई दिल्ली की आबकारी नीति सार्वजनिक होने से काफी पहले कुछ शराब निर्माताओं को लीक कर दी गई थी और जांच में पाया गया कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत तीन दर्जन ‘महत्वपूर्ण’ लोगों ने डिजिटल साक्ष्य मिटाने के इरादे से 140 मोबाइल फोन बदले।
जांच एजेंसी ने फ्रांस की शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के दिल्ली क्षेत्रीय प्रमुख बिनॉय बाबू और अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के पूर्णकालिक निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत को इसकी जानकारी दी।
Delhi Excise Policy : आरोपी व्यक्तियों के प्रभाव में गठजोड़
अरबिंदो फार्मा ने शेयर बाजार को सूचित किया कि रेड्डी अरबिंदो फार्मा लिमिटेड या उसकी सहायक कंपनियों के संचालन से किसी भी तरह से जुड़े नहीं थे।
ईडी ने दोनों की हिरासत का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार/आबकारी विभाग ने आरोपी व्यक्तियों के प्रभाव में गठजोड़ से संचालन की अनुमति दी।
ईडी ने कहा, यह दिल्ली के आबकारी अधिकारियों और दिल्ली सरकार के सदस्यों को रिश्वत के बदले में किया गया।
Delhi Excise Policy : चुनिंदा व्यापारिक समूहों को अनुचित लाभ
ईडी ने कहा कि जांच के दौरान उसके द्वारा पूछताछ किए गए कई लोगों ने खुलासा किया है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में काम करने को लेकर चुनिंदा व्यापारिक समूहों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत अग्रिम रूप से दी गई थी।
जांच एजेंसी ने कहा, यह भी पाया गया कि दिल्ली में खुदरा दुकानें खोलने के लिए दिल्ली के आबकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग की गई और ली गई।
ईडी ने कहा, आबकारी घोटाले में शामिल/संदिग्ध 34 महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने संबंधित अवधि के दौरान डिजिटल साक्ष्य को नष्ट करने के इरादे से कुल 140 फोन (लगभग 1.20 करोड़ रुपये मूल्य) बदले।
Delhi Excise Policy : पिछले साल 31 मई को कुछ शराब निर्माताओं के लिए लीक
जांच एजेंसी ने कहा, इन लोगों में सभी मुख्य आरोपी, शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, दिल्ली के आबकारी मंत्री और अन्य संदिग्ध शामिल हैं। फोन बदलने का समय बताता है कि ये फोन ज्यादातर घोटाला सामने आने के बाद बदले गए।
एजेंसी ने कहा कि उसके पास सबूत हैं कि यह नीति पिछले साल 31 मई को कुछ शराब निर्माताओं के लिए लीक हुई थी, जबकि इसे दो महीने बाद 5 जुलाई, 2021 को सार्वजनिक किया गया था।
ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि एल1 थोक विक्रेताओं को बड़ी संख्या में आबकारी अधिकारियों द्वारा काम के घंटों से परे या देर रात मंजूरी दी गई थी।
Delhi Excise Policy : दिल्ली शराब घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका
ईडी ने आरोप लगाया कि बिनॉय बाबू ने दिल्ली शराब घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने समीर महंद्रू और अन्य के साथ मिलकर अनैतिक तरीकों से बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए निर्माताओं-थोक-खुदरा विक्रेताओं का गठजोड़ बनाया।
ईडी ने कहा, बिनॉय बाबू के नष्ट किए गए ई-मेल के विश्लेषण से पता चला कि वह आबकारी नीति को इसे सार्वजनिक किए जाने से बहुत पहले और नीति निर्माण में हो रहे दिन-प्रतिदिन के घटनाक्रम से अवगत थे।
Delhi Excise Policy : 100 करोड़ रुपये की रिश्वत
रेड्डी की भूमिका के बारे में अदालत को सूचित करते हुए ईडी ने कहा कि वह कथित घोटाले के सरगना और प्रमुख लाभार्थी में से एक थे।
आरोप लगाया गया कि यह गठजोड़ दिल्ली के शराब कारोबार के 30 प्रतिशत हिस्से को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है, जिसमें रिश्वत देना, बेनामी और छद्म कंपनियों का इस्तेमाल करना और शराब उद्योग में विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर साजिश करना शामिल है।
ईडी ने कहा कि इस गठजोड और रेड्डी ने इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पूर्व में गिरफ्तार किए गए व्यवसायी विजय नायर के माध्यम से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी।
Delhi Excise Policy : सक्रिय रूप से योजना बनाई
ईडी ने आरोप लगाया कि रेड्डी ने सक्रिय रूप से योजना बनाई और विभिन्न कारोबारियों, नेताओं के साथ मिलकर साजिश रची तथा दिल्ली की आबकारी नीति में अनुचित लाभ हासिल करने के लिए अनुचित बाजार प्रथाओं में शामिल हुए।
ईडी ने कहा कि उसने इस मामले में अब तक 169 तलाशी कार्रवाई की है। दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने मामला दायर किया था।
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