देहरादून नारी निकेतन: संवासिनियों से दुष्कर्म व गर्भपात कराने के मामले में नौ दोषियों को मिली ये सजा…
देहरादून: आपको याद होगा कि नारी निकेतन में रखी गई मूक बधिर संवासिनी से दुष्कर्म का मामला सामने आया था। ये वारदात अक्टूबर 2015 की है, जब सफाई कर्मी गुरुदास, होमगार्ड ललित बिष्ट और केयर टेकर हाशिम ने दुष्कर्म किया था। नवंबर 2015 में संवासिनी के साथ हुए यौन शोषण का खुलासा हुआ, तो प्रशासनिक अमले से लेकर सरकार तक में हड़कंप मच गया था।
नारी निकेतन में संवासिनी पर हुए जुल्म की परतें…
एसआईटी की जांच में नारी निकेतन में संवासिनी पर हुए जुल्म की परतें खुलती चली गईं थी। लगातार हुई कार्रवाई में एक-एक कर अधीक्षिका समेत नौ लोग गिरफ्तार किए गए। पुलिस ने तत्कालीन अधीक्षिका मीनाक्षी पोखरियाल, कर्मचारी अनिता मैंदोला, क्राफ्ट टीचर शमां निगार, चंद्रकला क्षेत्री, संविदाकर्मी कृष्णकांत उर्फ कांचा, होमगार्ड ललित बिष्ट, केयर टेकर हाशिम और मुख्य आरोपी सफाई कर्मचारी गुरदास को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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नौ दोषियों की सजा का ऐलान…
वहीं आज संवासिनी से दुष्कर्म और फिर गर्भपात कराने के मामले मेंं एडीजे षष्ठम की अदालत ने नारी निकेतन की तत्कालीन अधीक्षिका समेत नौ दोषियों की सजा का ऐलान कर दिया है। दोषी गुरुदास को सात साल और 30 हजार जुर्माना, हाशिम व ललित बिष्ट 5-5 साल की कैद और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। शमां निगार, चंद्रकला, किरण व अनिता मैंदोला को 4- 4 साल की कैद 10-10 हजार जुर्माना, मीनाक्षी पोखरियाल व कृष्णकांत को 2- 2 साल की सजा और 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं मीनाक्षी और कांछा को जमानत मिल गई है।
अदालत ने 30 अगस्त को सभी नौ आरोपियों को…
आपको बता दे कि नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी से दुष्कर्म, गर्भपात कराने और भ्रूण को ठिकाने लगाने के आरोप में अदालत ने 30 अगस्त को सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया था।
जानिए कौन किस धारा में हुआ दोषी करार…
- गुरदास – आईपीसी 376 सी (किसी संस्था या संस्थान के संरक्षण में रह रही महिला या युवती से दुष्कर्म करना)
- ललित बिष्ट व हाशिम -आईपीसी 376सी/511(किसी संस्था या संस्थान के संरक्षण में रह रही महिला या युवती से दुष्कर्म का प्रयास करना)
- मीनाक्षी पोखरियाल और कृष्णकांत शाह – आईपीसी 201 (अपराध के बाद साक्ष्य मिटाना। इन्होंने भ्रूण को ठिकाने लगाया।)
- समा निगार, किरण नौटियाल, अनिता मंदोला और चंद्रकला क्षेत्री– आईपीसी 313 (स्त्री की मर्जी के बगैर गर्भपात कराना), 201(अपराध के बाद साक्ष्य मिटाना) और आईपीसी 120बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना)।