
देहरादून: गुरमीत कौर हत्याकांड में आरोपी आशीष दोषी करार… हुई उम्रकैद की सजा
देहरादूनः आपको याद होगा साल 2016 में देहरादून हुए गुरमीत कौर हत्याकांड मामले में जिसमें एक सिरफिरे आशिक ने महिला को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था।
आशीष को उम्र कैद की सजा सुनाने के साथ…
वहीं इस मामले में शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि न्यायालय द्वारा आजीवन सजा पाने वाले आशीष उर्फ मोनू के खिलाफ 18 चश्मदीद गवाह, मृतका गुरमीत कौर का गला काटने में इस्तेमाल किया गया हथियार और दोषी मोनू के खून से सने कपड़े जैसे अन्य साक्ष्य के आधार को कोर्ट ने सही ठहराते हुए दोषी आशीष को उम्र कैद की सजा सुनाने के साथ 75000 का आर्थिक दंड लगाया है।
जानिए क्या था गुरमीत कौर हत्याकांड मामला…
मामला 5 फरवरी 2016 का है। शाम के लगभग 6:00 बजे आशीष के प्रेमनगर मकान में किराए पर रहने वाली शादीशुदा युवती गुरमीत कौर अपने 8 साल के बच्चे को घर पर छोड़ कर अचानक लापता हो गई। काफी खोजबीन करने पर गुरमीत कौर का शव लहूलुहान हालत में प्रेमनगर के चाय बागान में मिला। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा जांच पड़ताल में पता चला कि गुरमीत की हत्या गला काटकर की गई है। जांच पड़ताल में यह भी पता चला कि आशीष उर्फ मोनू का अपने किराएदार महीला गुरमीत कौर के साथ पैसों का लेनदेन था, जिसके चलते उसने रंजिशन धोखे से रुपए देने के लिए गुरमीत को प्रेमनगर के चाय बागान बुलाया और वहां उसकी गला काटकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी।
मसूरी के होटल में खुद को खत्म करने का प्रयास किया…
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आशीष उर्फ मोनू मसूरी पहुंच गया। इतना ही नहीं मसूरी के होटल में खुद को खत्म करने का भी प्रयास किया, लेकिन होटल कर्मियों की मुस्तैदी की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाया। होटल कर्मियों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। वहीं इस घटनाक्रम के संबंध में मृतका गुरमीत कौर के भाई जगदीप सिंह ने मकान मालिक आशीष उर्फ मोनू के खिलाफ पुलिस को सूचना दी थी, जिसके बाद हत्या का खुलासा हुआ।
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