रामपुर में सपा सांसद के जौहर ट्रस्ट पर कोर्ट ने लगाया 100 रुपये का हर्जाना | Nation One
रामपुर : उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में जौहर ट्रस्ट की जमीन से संबंधित वाद की सुनवाई की दौरान एडीएम (प्रशासन) की कोर्ट ने एक सौ रुपये का हर्जाना लगाते हुए सुनवाई के लिए 15 दिन का अतिरिक्त वक्त दे दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी.
सपा सांसद आजम खां पर आरोप है कि उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए सपा शासन में जौहर ट्रस्ट के नाम पर जमीन ली थी. जमीन को लेते वक्त शासन की ओर से उस वक्त स्टांप शुल्क भी इस शर्त के साथ माफ किया गया था कि जौहर ट्रस्ट की ओर से ली गई जमीन पर चैरिटी के कार्य होंगे.
जांच रिपोर्ट के अनुसार ट्रस्ट की इस जमीन पर जौहर यूनिवर्सिटी तामीर हो चुकी है मगर, पिछले दस सालों में चैरिटी का कोई कार्य न होने की बात सामने आई थी. जांच रिपोर्ट में यह भी बात कही गई है कि ट्रस्ट को एक सीमा के तहत ही जमीन आवंटित की जा सकती है लेकिन, नियम कायदों का उल्लंघन कर जमीन दी गई.
एसडीएम सदर ने जांच रिपोर्ट में जौहर ट्रस्ट को दी गई 160 एकड़ जमीन वापस लेने की संस्तुति की थी. इस पर डीएम ने एडीएम कोर्ट में वाद दायर कराया था. ट्रस्ट के वकीलों ने एडीएम कोर्ट में सुनवाई के अधिकार को चुनौती देने के लिए पूर्व में ही वक्त मांगा था. सुनवाई के दौरान भी गुरुवार को भी अतिरिक्त वक्त मांगा.
उनका कहना था कि सुनवाई के अधिकार क्षेत्र को राजस्व परिषद में चुनौती दी जा चुकी है. उन्होंने इसकी एक प्रति भी न्यायालय में पेश की. इस मामले में बार-बार समय मांगे जाने पर अभियोजन की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई. एडीएम कोर्ट ने सुनवाई के बाद ट्रस्ट पर सौ रुपये का हर्जाना लगाते हुए 15 दिन का वक्त दे दिया. अब इस मामले की सुनवाई नौ नवंबर को होगी.
शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि, एडीएम (प्रशासन) की कोर्ट में सुनवाई के क्षेत्र में चुनौती देने के लिए फिर वक्त मांगा गया था. कोर्ट में इस पर आपत्ति दर्ज कराई गई है. जिस पर पांच नवंबर को सुनवाई है. लिहाजा इस मामले में 15 दिन का वक्त दिया जाए. कोर्ट ने 100 रुपये के हर्जे पर ट्रस्ट का प्रार्थनापत्र स्वीकार कर लिया है और सुनवाई की अगली तिथि नौ नवंबर निर्धारित की गई है.
आपको बता दें, पिछले दिनों आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है. प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद आजम को यह राहत जौहर ट्रस्ट मामले में मिली है. हाईकोर्ट ने ट्रस्ट के खिलाफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के 20 मार्च 2020 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार सहित विपक्षियों से 2 हफ्ते में जवाब मांगा है.
यह भी बता दें कि, अतिक्रमण और कुप्रबंध के आरोप में जौहर ट्रस्ट पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कार्रवाई का आदेश दिया था. सांसद आजम खां मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट, रामपुर के मुतवल्ली हैं. याचिका ट्रस्ट की ओर से दाखिल की गई है. याचिका में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के आदेश को नैसर्गिक न्याय के खिलाफ बताते हुए रद्द करने मांग की गई है.